उपचुनाव से पहले कांग्रेस में लौटी कलह, टिकट वितरण को लेकर कमलनाथ वर्सेस दिग्विजय !

6/3/2020 2:50:01 PM

मध्य प्रदेश(हेमंत चतुर्वेदी): मध्यप्रदेश में मानो कांग्रेस और कलह का चोली दामन का साथ हो गया है, और ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा बड़े स्तर पर पार्टी में तोड़फोड़ के बाद भी यह आपसी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। फिलहाल ताजा मामला जिसे लेकर कांग्रेस के ध्रुव आपस में टकरा रहे हैं, वह है आगामी उपचुनाव। दरअसल पार्टी सूत्रों का यह दावा है, कि मौजूदा वक्त में कांग्रेस के दो प्रमुख खेमे दिग्विजय और कमलनाथ अपने अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं, दोनों ही नेताओं की इस मंशा के पीछे एक खास मकसद भी माना जा रहा है।




ज्यादा से ज्यादा विधायकों के समर्थन की चाह
दरअसल दिग्विजय सिंह पार्टी में अपना प्रभुत्व बरकरार रखने के लिए अपने समर्थन में अधिक विधायक चाहते हैं। जिससे भविष्य में संभावित सरकार की चाभी उन्हीं के हाथ में रहे, इस बीच सूत्रों का यह भी कहना है विधायक दल में अपने समर्थक विधायकों की ज्यादा संख्या होने पर दिग्विजय सिंह सरकार बनने की स्थिति में पांसा भी पलट सकते हैं, और अपना नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। ठीक इसके उलट कमलनाथ अपने मनपसंद लोगों को टिकट देना चाहते है इसके अलावा उनकी यह भी कोशिश है, संगठन में ज्यादा से ज्यादा संख्या में अपने लोगों को ही एडजस्ट करने के साथ विधायक दल का नेता भी अपने ही खेमे का बनाया जाए, यही कारण है कि नेता प्रतिपक्ष के नाम पर अब तक सहमति नहीं बन सकी। 

किस तरह नजर आया घमासान?
दरअसल यह दिग्विजय और कमलनाथ खेमे की खींचतान का ही नतीजा है, प्रदेश के ग्यारह जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति दिल्ली से की गई, जबकि आमतौर पर यह जिम्मा प्रदेश कांग्रेस का रहता है। प्रदेश के कई बड़े चेहरे फिलहाल कमलनाथ के साथ हैं, दूसरी ओर दिग्विजय सिंह के खेमे में डॉ. गोविंद सिंह, जयवर्द्धन सिंह, जीतू पटवारी, अजय सिंह, आरिफ अकील और केपी सिंह जैसे नेता हैं। उपचुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर  दोनों ही खेमों में मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं। जिसके कारण प्रदेश में होने वाले उपचुनावों के लिए प्रत्याशियों के नाम भी तय नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेता चौधरी राकेश सिंह व प्रेमचंद गुड्डू की घरवापसी में भी अड़ंगेबाजी चल रही हैं।



कमलनाथ खेमा राकेश चतुर्वेदी को भिंड की मेहगांव सीट से उतारना चाहता है। लेकिन अजय सिंह सहित दिग्विजय खेमे के कई नेता उन्हें टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। राज्यसभा सीट को लेकर भी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आमने-सामने हो गए है, और संख्याबल न होने के बाद भी कमलनाथ की इच्छा से एक दलित चेहरे के तौर पर फूल सिंह बरैया को चुनाव में उतारा गया, जो दिग्विजय सिंह को कतई रास नहीं आया।

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