शराब निषेध कार्यक्रम में बहक गए ASP!  दुष्प्रभाव बताने की बजाय गिनाने लगे फायदे

10/6/2019 12:10:30 PM

होशंगाबाद (गजेंद्र राजपूत): वाकई में अगर शराब ख़राब होती तो सरकार इसे बनाती क्यों और बेचती क्यों ? जरा सब्र रखिए ये बात हम नहीं बल्कि होशंगाबाद केएएसपी घनश्याम मालवीय कह रहे है, जिन्होंने आदमगढ़ में मद्य निषेध शिविर में नशेकी गिरफ्त से निकलने और इसके दुष्परिणामों के बारे में बताया है। इस दौरान एएसपी पुलिसके शिविर में लोगों को शराब छुड़ाने की जानकारी दे रहे थे। तभी एएसपी घनश्याममालवीय अचानक बहक गए और बच्चे, बुजुर्गों समेत महिलाओं से एक-एक कर पूछने लगे कि वे शराब पीते हैं या नहीं। फिर उसके दुष्परिणामों की जगह कब, कहां और कैसे पीना चाहिए इसके टिप्स देने लगे।



ASP ने सबसे पहले बच्चों से शुरू किया और उनसे पूछा की शराब पीना अच्छी बात है या बुरी बात। बच्चों से बोले कि अगर शराब पीना है तो 18 साल की उम्र के बाद पीना। वहीं बुजुर्गों से कहा- खुद तो पेट भरकर पी ली और अब कह रहे हैं, नहीं पीना चाहिए। इतना ही नहीं यह भी बोले- सरकार शराब को जहर तो मानती है लेकिन यह देश में बन रही है। इसका मतलब है कोई तो पी लेगा या उपयोग कर लेगा। लेकिन इस जहर का उपयोग कैसे करना है, ये हम बताएंगे। यह देख वहां मौजूद लोग अवाक रह गए, लेकिन कोई कुछ बोल नहीं पाया। दबी जुबान में जरूर लोगों ने कहा कि मघ निषेध शिविर है या मघपान के तरीके बताने वाला।



माइक थामते हुए एएसपी ने सवाल-जवाब का दौर शुरू किया। पूछा किअमीर शराब पीने के बाद भी बदनाम नहीं होता, लेकिन गरीब हो जाता है। क्योंकि अमीर घर के अंदर पीते हैं और गरीब सड़क पर। इसलिए शराब पीने की आदत है तो घर के अंदरखाना खाते वक्त पीना चाहिए और पीकर बाहर नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घर में छिपकर पीने से महिलाओं और बच्चों पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Vikas kumar

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