डमी से दूध पीकर मुर्गे के शिकार को तैयार नन्हे शावक

8/7/2018 2:30:35 PM

भोपाल : बांधवगढ़ से लाए गए दोनों शावकों के स्वास्थ होने की ख़बर से सभी वन कर्मियों और अधिकारियों में खुशी है। इन शावकों को कई दिनों तक मुख्यालय में कड़ी देख रेख में रखा गया था। जहां उन्हें एक डमी बाघिन ने दूध पिलाया था। दरअसल शावक को बकरी का दूध पिलाने के लिए बार बार लोगों के संपर्क में लाया जा रहा था। जिससे इंसानों से होने वाले संक्रमण का खतरा उन पर मंडरा रहा था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पशु चिकित्सकों की सलह पर उन्हें दो सौ रुपए की डमी लाकर दूध पिलाने का सोचा गया।

इन शावकों को बाघिन ने कमजोर होने पर लावारिस हालत में जंगल में छोड़ दिया था। जब वनकर्मियों की नजर इन पर पड़ी तो उन्होंने इसे मुख्यालय तक पहुंचाया था। वन विशेषज्ञों की माने तो अक्सर बाघिन शावकों के कमजोर होने पर उन्हें अपने साथ नहीं रखती है। ऐसे में या तो बाघिन उन्हें मार देती है या फिर कहीं छोड़ देती है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों की देखरेख में शावक अब बड़े हो गए हैं। अब वे मुर्गे का शिकार भी करने लगे हैं। वक्त के साथ साथ जल्द ही बकरे के शिकार करने का तरीका भी उन्हें सिखाया जाएगा और अगले दो सालों में उन्हें जंगल में दोबारा छोड़ दिया जाएगा।

 

 

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