बैंक हड़ताल- आर्थिक राजधानी इंदौर और जबलपुर में करोड़ों का कारोबार ठप

12/21/2018 3:52:09 PM

जबलपुर: शुक्रवार को देश भर के राष्ट्रीयकृत बैंको के लगभग 10 लाख कर्मचारी 11वां वेतनमान देने में हो रही देरी और पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू करने सहित अन्य मांगो को लेकर हड़ताल पर हैं। जबलपुर में भी बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का असर देखने को मिला। हड़ताल के चलते शहर की 200 बैंक शाखाओ में रोजाना होने वाली चहल पहल की बजाय ताले लटके रहे, जिससे लगभग 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। वहीं अपनी मांगे मनवाने के लिए सभी बैंक कर्मियों ने एक जुट होकर सिविक सेंटर पार्क में विरोध प्रदर्शन किया। 

हड़ताल के द्वारा विरोध कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि, उन्हें जल्द ही 11 वें वेतनमान देने का काम किया जाए, साथ ही पेंशनर्स के लिए पुरानी पेंशन स्कीम पुनः लागू की जाए। इसके अलावा बैंकों का विलय न किया जाए, कर्मचारियों का कहना है कि उनसे दूसरे विभागों के मुकाबले ज्यादा काम लिया जाता है। लेकिन वेतन बहुत कम दिया जाता है।

आर्थिक राजधानी इंदौर में भी करोड़ों का कामकाज प्रभावित

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भी शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों की 200 से ज्यादा शाखाओं के उच्च पदस्थ अधिकारी अपने वेतन समझौते की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं जिसके चलते करोड़ों का कामकाज प्रभावित हुआ। एक दिन की इस हड़ताल में उच्च पदस्थ अधिकारियों को छोड़ शेष बैंक कर्मचारी हड़ताल में शामिल नही हैं।

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आलोक खरे ने बताया कि, इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा वेतन समझौते की नई शर्तो से नाराज होकर भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया सहित अन्य बैंकों के अधिकारी भी हड़ताल पर हैं। आलोक खरे के अनुसार वेतन समझौते हेतु तय नए नियमों में बैंक अधिकारी श्रेणी एक से लेकर श्रेणी तीन तक का वेतन समझौता एक साथ किया जाना प्रस्तावित हैं, जबकि 40 वर्षो पुरानी परंपरा के अनुसार एक से लेकर वर्ग सात तक की श्रेणियों के उच्च अधिकारियों का वेतन समझौता एक साथ किये जाने की परपंरा रही है। हड़ताल में कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों और निजी बैंकों के अधिकारी अलग यूनियन होने की वजह से शामिल नही हैं।
 

Vikas kumar

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