पांच दिन के रिजुवेनेशन कैंप में हाथियों को मिल रही हैं VVIP सुविधाएं

9/7/2019 4:58:41 PM

सिवनी(अब्दुल क़ाबिज़ खान): एक तरफ जहां सम्पूर्ण भारत में गणेश उत्सव पर्व की धूम मची हुई है वहीं मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के पेंच टाइगर रिवर्ज में भी हाथियों के लिए सुखद अनुभूति और महोत्सव का समय है यहां का अमला भी अब अपने गजराजों की सेवा करने में लीन हो गया है। यही नहीं यहां पर पांच दिनों तक हाथियों की खातिरदारी भी चलेगी।
 



दरअसल, पेंच के प्योरथड़ी बीट में पांच सितंबर से सेजुवेशन कैंप का आयोजन किया गया है। पार्क का अमला इस बार हाथियों की सेहत को लेकर गंभीर नजर आ रहा है। इसके लिए बकायदा जिम्मेदारियां तय कर दी गई थी और सभी को हाथियों की बेहतर खातिरदारी के लिए पहले से ही निर्देश दिए जा चुके थे।



ऐसे हो रही है गजराज की खातिरदारी
हाथियों की सेहत अच्छी रहे इसके लिए कैंप में अलग-अलग दिन उनके लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई है। पांचों दिन मनपसंद भोजन, इसमें अतिरिक्त पौष्टिक आहार के लिए विशेष भोजन दिया जा रहा है। हाथियों को महावत नहलाकर राई के तेल से उनकी मालिश कर रहे है। नाखून, कान, दांतों की सफाई व घिसाई की जा रही है। साथ ही उनके ब्लड के सेंपल लिए जाए रहे है ताकि उनमें कोई बीमारी तो नहीं है, इसका पता लगाा जा सके। दवा भी दी जा रही है। यह काम अलग-अलग दिनों में तय मीनू के अनुसार किया जा रहा है।

पेंच पार्क में पांच हाथी मौजूद
पेंच पार्क में पांच हाथी मौजूद हैं। इसमें सबसे बुजुर्ग नर जंगबहादुर के अलावा युवा हाथी गणेशा शामिल है। वहीं तीन मादा हाथियों में दामिनी, सरस्वती और सोरेन शामिल है।   



जरूरी है उनकी सेहत
गौरतलब है कि पूरे साल पार्क प्रबंधन हाथियों की मदद गश्ती व दूसरे कामों में लेता है। कैम्प के दौरान हाथियों को पूरी तरह से आराम दिया जाता है। साथ ही उन्हें सेहतमंद भोजन दिया जाता है। ताकि वे अच्छी तरह से काम कर सकें। उनकी सेहत हमेशा बेहतर बनी रही और वे महावत के अनुसार काम करे इसके लिए भी उनकी देखभाल जरूरी हो जाती है। हालांकि पार्क में नए हाथियों की आमद नहीं हुई। पूर्व में दो हाथी कर्नाटक से लाने का प्रस्ताव था। लेकिन उस पर काम नहीं हो पाया है।

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