रिश्वतखोरी पड़ी भारी, सब इंजीनियर को 4 साल की सजा सहित 12000 जुर्माना

4/11/2019 9:53:06 AM

ग्वालियर: रिश्वतखोरी के एक मामले में भ्रष्टाचार निरोधी कोर्ट ने सब इंजीनियर रविंद्र मोदी को 4 साल की सजा व 12 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। इजींनियर मुरार स्थित कार्यपालन यंत्री कार्यालय में पदस्थ था व उसके खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला कोर्ट में चल रहा था।



जानकारी के अनुसार, मामला 21 अगस्त 2014 का है जब मुरैना के रहने वाले बिजली कंपनी के ठेकेदार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि वे ट्रांसफार्मर लगाने का काम करते हैं। जिसकी अनुमति कार्यपालन यंत्री के कार्यालय से दी जाती है। लेकिन प्रत्येक ट्रांसफार्मर में बिजली कंपनी के सब इंजीनियर रविंद्र मोदी उनसे  8000 रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। अनिल शर्मा को उस समय दतिया में तीन ट्रांसफार्मर लगाने थे। इसलिए मोदी ने उनसे 24000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। पहली किश्त के रूप में 12 हजार रुपए 22 अगस्त 2014 को दिए गए। वहीं इस मामले में बिजली कंपनी का फरियादी बना ठेकेदार बाद में कोर्ट में अपने बयानों से मुकर गया था इसलिए न्यायालय ने उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। अगली पेशी पर उसके खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे।



इस बात की शिकायत लोकायुक्त में की गई तो कार्रवाई के लिए लोकायुक्त ने उसे रंगे हाथों पकड़ने का प्लान बनाया। लेकिन सब इंजीनियर मोदी ने रिश्वत की यह रकम सीधे हाथों में ना लेते हुए सामने रखी टेबल पर रखवाई थी लेकिन उस समय कार्यालय में कोई भी मौजूद नहीं था इसलिए रिश्वत लेने का आरोपी उन्हें माना गया और 1 दिन पहले 21 अगस्त को ठेकेदार और मोदी के बीच हुई वार्तालाप को लोकायुक्त के वॉइस रिकॉर्डर में टेप किया गया था। इसे आधार मानते हुए मोदी के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में 12 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है और 4 साल की सजा सुनाई गई है।

ASHISH KUMAR

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