CM बघेल का छात्रों को बड़ा तोहफा, जल्द खुलेंगे इंग्लिश मीडियम कॉलेज, उच्च शिक्षा के लिए नहीं जाना पड़ेगा बाहर
8/18/2022 2:33:41 PM
रायपुर(सत्येंद्र शर्मा): मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के छात्रों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे। इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उनकों राज्य में ही अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस योजना का कार्ययोजना 10 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
अब अभिभावकों को चिंता करने की जरूरत नहीं। अपने बच्चों को खूब पढ़ाइए। अब स्कूल के बाद की शानदार पढ़ाई के लिए बच्चों को बाहर भेजने की आर्थिक परेशानी दूर होगी।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 18, 2022
छत्तीसगढ़ की शिक्षा क्रांति देश का सबसे अच्छा 'एजुकेशन मॉडल' आने वाले समय में प्रस्तुत करेगी।#CongressMeansGovernance
इसलिए अब हमने निर्णय लिया है कि शानदार सरकारी स्कूल की तरह ही अब सरकारी कॉलेज भी खोलेंगे।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 18, 2022
ये सरकारी इंग्लिश मीडियम महाविद्यालय होंगे। जहां शानदार हायर एजुकेशन(उच्च शिक्षा) मिलेगी।
पहले 10 प्रमुख नगर में इसकी शुरुआत होगी।
फिर अगले 3 साल में हम हर ज़िला मुख्यालय में खोलेंगे। pic.twitter.com/lJvvVCDdzS
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में चरणबद्ध रूप से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम आदर्श महाविद्यालय प्रारंभ होंगे। प्रथम चरण में आगामी शैक्षणिक सत्र जून 2023 से राज्य के प्रमुख नगरों में कम से कम 10 इंग्लिश मीडियम कॉलेज खुलेंगे। आगामी तीन साल में राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में इंग्लिश मीडियम कॉलेज प्रारंभ किए जाएंगे।
मैं पिछले दिनों कई अभिभावकों से मिला। सबका कहना था कि कांग्रेस सरकार में शानदार अंग्रेजी और हिन्दी मीडियम सरकारी स्कूल बने हैं, जिनमें नि:शुल्क शिक्षा मिल रही है। लेकिन 12वीं के बाद उनके बच्चे कहाँ पढ़ेंगे, इसकी चिंता उन्हें सता रही रही। क्योंकि महानगरों में पढ़ाना बहुत महँगा है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 18, 2022
बता दें कि वर्तमान में राज्य में इंग्लिश मीडियम के शासकीय महाविद्यालय नहीं होने के कारण राज्य के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए महानगरों के महाविद्यालय में प्रवेश लेना पड़ता है, जिसमें बड़ी राशि व्यय होती है। महानगरों में प्रवेश लेने पर विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है।