बैलगाड़ियों पर सवार होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान- कहा समस्याएं नहीं सुलझी तो करेंगे पलायन

2/15/2021 7:44:27 PM

रतलाम(समीर खान): रतलाम में बैलगाड़ियों पर सवार और पैदल दर्जनों किसान और ग्रामीण सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने सिंचाई परियोजना के तहत तालाब स्वीकृत होने के 6 साल बाद भी काम शुरु न होने पर नाराजगी जताते हुए पलायन की बात कही। ग्राम धभाईपाडा में मुख्यमंत्री द्वारा तालाब निर्माण की घोषणा के बावजूद काम शुरु नहीं होने पर राजपुरा पंचायत के ग्रामीणों ने जमकर आक्रोश जताया। साथ ही कुआझांगर सिंचाई तालाब ओदी डेम का काम चालू करवाने के लिए भी ग्रामीण कलेक्टोरेट पहुंचे।



ग्रामीण बैलगाड़ी और पैदल पहुंचे और बताया कि सिंचाई का साधन नहीं होने से वे बेहद परेशान हैं और गांव में पलायन के सिवा कोई चारा नहीं है। इस दौरान जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया। ग्रामीणों ने बताया कि 2015 स्वाधीकार अभियान के हितग्राही सम्मेलन कार्यक्रम में नामली आगमन पर सीएम ने खुद घोषणा की थी कि धबाईपा तालाब 2.27 करोड़ की लागत से लघु सिंचाई परियोजना के रूप में बनेगा। इससे छोटे किसानो को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा जिनकी जनसंख्या तब 10 हजार थी।

क्षेत्र में पानी का इतना संकट है कि आदिवासी समाज बरसात के मौसम में सिर्फ मक्का की ही फसल ले पाते है, इ्सके बाद पानी नहीं होने से न खेती होती है न परिवार चलता है। मजबूरी में पलायन करना पड़ता है। कोटा, मोरवी, जेसलमेल, बडोदरा, सूरत, अहमदाबाद, उ.प्र. व अन्य राज्यों में जाकर परिवार से अलग रहते हैं और बच्चों को भी ठीक से परवरिश नहीं दे पाते। सिंचाई योजना से धबाईपाडा, भुवान पा, निचली बस्ती धोलावाढ, सागडडामाल, चिल्लर, सावलिया रूण्डी, नई आबादी, आमलीपाडा, धामनिया, भोजपुरा, मोरवनी, दन्तोडा, राजपुरा आदि गांव को पानी मिलना था। परंतु आज तक काम शुरु नहीं हुआ है और कोरोना के बाद स्थिति और भी बुरी है।
बिजली का भी आज तक है इंतजार
ज्ञापन में यह भी बताया कि नई आबादी धबाईपा?ा मजरे में 10 से 15 घर आज तक बिजली कनेक्शन की राह देख रहे हैं। यहां कंपनी द्वारा कनेक्शन का इंतजाम नहीं करने से अंधेरा ही है।

meena

This news is Content Writer meena