चंबल का पानी ग्वालियर को देने पर वन विभाग की आपत्ति, ऐसा हुआ तो मर जाएंगे घड़ियाल, डॉल्फिन

10/19/2019 10:16:19 AM

ग्वालियर: वन विभाग ने चंबल नदी का पानी ग्वालियर को दिए जाने पर आपत्ति दर्ज की है। विभाग का कहना है कि जरूरत के हिसाब से नदी में पानी का बहाव अभी कम है। ऐसे में यदि और पानी ले लिया जाता है तो पानी कम होने के कारण चंबल सेंचुरी में घड़ियाल व डॉल्फिन मर जाएंगे। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार चंबल नदी में पानी का बहाव 68 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड है, जो कि सामान्य से कम है। क्योंकि, 200 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड से कम बहाव पर घड़ियाल और डॉल्फिन के मरने का खतरा है।

सामान्य तौर पर नदी का बहाव 200 क्यूबिक प्रति सेकंड होता है। लेकिन अभी इतना नहीं है। बावजूद इसका चंबल का पानी राजस्थान के कौटा, करौली समेत कई अन्य क्षेत्रों के लिए जा रहा है। ऐसे में ग्वालियर के लिए 1.75 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बहाव के पानी की आवश्यकता है। अप्रैल, मई व जून के दौरान नदी में पानी का स्तर हो जाता है, तो इससे तिघरा डैम को भरा जा सकता है। इन महीनों में ग्वालियर के लिए पानी नहीं लेकर भी चंबल से पानी लाने का विकल्प खुला रह सकता है। वहीं मामले को लेकर जल मंत्री उमंग सिंघार का कहना है कि चंबल सेंचुरी के कारण पानी को लेकर आपत्ति का मामला सामने आया है। हम इसका समाधान खोज रहे हैं । सभी समस्याओं का समाधान कर इस प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं कलेक्टर अनुराग चौधरी ने अधिकारियों के साथ बैठक कर आपत्तियों का समाधान निकालने की बात कही है।

Vikas kumar

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