अमित शाह के भाषण की इस लाइन से खुश हुए पूर्व सीएम शिवराज, ट्वीट कर कही ये बात

12/10/2019 1:53:25 PM

भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने पर खुशी जाहिर की है। साथ ही गृह मंत्री अमित शाह के अंदाज की तारिफ की और पीएम मोदी को बधाई दी। शिवराज सिंह ने लगातार एक के बाद एक ट्वीट करते हुए एक पुराना किस्सा शेयर किया और कहा कि आज मेरे दर्द की दवाई मिल गई।



लगातार कई ट्वीट किए
शिवराज सिंह चौहान ट्वीट में लिखा- आज जब नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पारित हो गया है, तब जा कर हृदय को शांति मिली है। आप सोचेंगे कि आख़िर इस बिल में ऐसा क्या है, को मैं ऐसी बात कह रहा हूं! ये बात कुछ वर्षों पहले की है, जब मैं मुख्यमंत्री था और इंदौर दौरे पर गया था तब शंकर लालवानी, जो आज इंदौर से सांसद हैं कुछ सिंधी परिवारों को एयरपोर्ट पर मुझसे मिलवाने लाए थे। ये वो परिवार थे, जो पाकिस्तान में प्रताड़ित हो कर अपना सब कुछ गंवा कर, अपनी मां-बहनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत में शरणार्थी बन कर आए थे, और उन्हें उनके वीज़ा की अवधि समाप्त होने पर वापस भेजा जा रहा था।


 

इन परिवारों की छोटी-छोटी बच्चियां, माताएं, बहनें मुझे भैया- मामा- मामा कहते हुए, रोते बिलखते हुए अपनी आपबीती सुना रही थीं। पाकिस्तान में वापस जाना मतलब नरक में जाना, जहां पर उनको जबरन उठा कर ले जाया जाता है, धर्म परिवर्तन करवाया जाता है, और ऐसे अपराध किए जाते है जिसको सुनकर हमारी आत्मा तक कांप जाए। तब मैंने कलेक्टर से कह कर उनका डीपॉर्टेशन रुकवा दिया था। इस घटना के बाद मैं कई दिनों तक ठीक से सो नहीं पाया। उन मासूम चेहरों के पीछे का दर्द मेरे हृदय के किसी कोने में हमेशा के लिए बस गया था। आज उस दर्द पर दवा लगाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है।



बिल फाड़ने वालों पर बोला हमला
शिवराज ने एक अन्य ट्वीट पर कहा कि, जो इस बिल को संसद में फाड़ कर इसका विरोध कर रहे है, उनको ये दर्द महसूस कभी नहीं होगा। वो दिलों को जोड़ने की मानसिकता से कोसों दूर है। वो सिर्फ़ तोड़ना और फाड़ना जानते हैं। उनको ये जान लेना ज़रूरी है कि, ये बिल के द्वारा भारत ने अपनी महान मानवतावादी संस्कृति का परिचय पूरे विश्व को दिया है। अगर पाकिस्तान में, बांग्लादेश में, या विश्व के किसी भी देश में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध धर्म का पालन करने वाले परिवारों को सिर्फ़ अपने धर्म की वजह से प्रताड़ित किया जाता है, तो आख़िर वो जाएंगे कहां? भारत के अलावा ऐसा कौन सा देश है जो इनको शरण देगा और सम्मान से जीने का मौक़ा देगा?




इस बिल के नाम पर भारत के मुसलमान भाइयों-बहनों को भ्रमित कर डराने वाले ये सच्चाई उनको ये सच्चाई क्यों नहीं बताते कि वो भारत के अभिन्न अंग है और उनकी नागरिकता पर इस बिल का कोई असर नहीं होने वाला है। उनको ये मालूम होना चाहिए कि भारत के मुसलमान क्या इस बात को नहीं समझते की घूसपेठिया होने में और शरणार्थी होने में बहुत बड़ा अंतर है? मुसलमानों का राजनीतिक वोट बैंक की तरह उपयोग करने वाले पहले ही औंधे मुँह गिरे है, और आगे भी उनके साथ यही होने वाला है। आज की सुबह उन सभी हिंदुओं के लिए एक नयी आशा की किरण ले कर आयी है, जो सिर्फ़ अपने धर्म की वजह से धार्मिक कट्टरता वाले देशों में अपना सब कुछ गँवा देते है! ये महान कार्य सिर्फ़ और सिर्फ़ मोदी ही कर सकते थे। वो इन परिवारों के लिए देवदूत से कम नहीं हैं।


उन्होंने आगे लिखा कि मैं कुछ ज्यादा ही लिख गया। लेकिन किसी के दिल में छिपी पीड़ा को छलकने का इससे अच्छा समय कोई और नहीं हो सकता। मेरी और ऐसे तमाम परिवारों की ओर से प्रधानमंत्री मोदी का अंभिनंदन और गृहमंत्री अमित शाह का आभार।

अंत में उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह के वाक्य कि, 'ये सिर्फ महज एक बिल नहीं परंतु याजनाओं से मुक्ति का दस्तावेज है' दिल को खुश कर गए।

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This news is Edited By meena