CM के क्षेत्र में एनजीओ में नौकरी देने का नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, न्याय के लिए भटक रहा पीड़ित

1/29/2021 3:02:10 PM

नसरुल्लागंज(अमित शर्मा): सीएम शिवराज के क्षेत्र में चिटफंड कंपनी के बाद अब एक एनजीओ द्वारा पैसे हड़पने का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत पीड़ित व्यक्ति द्वारा पुलिस प्रशासन तक कर चुका है लेकिन फिर भी पीड़ित को अभी तक कोई न्याय नहीं मिला है। 



मामला सीहोर जिले के नसरुल्लागंज का है। जहां संस्था कामेश्वरी शिक्षा एवं समाज सेवा समिति आष्टा द्वारा नसरुल्लागंज निवासी अनिरुद्ध धाबरे को अपनी संस्था में नौकरी का लालच देकर 1 लाख 25 हजार रुपए हड़प लिए, संस्था के सचिव मुकेश राठौर निवासी आष्टा द्वारा अनिरुद्ध धाबरे से अनुबंध किया गया और कहा कि आपको संस्था में नौकरी दी जाएंगी। जिसके बाद अनिरुद्ध ने संस्था कामेश्वरी शिक्षा एवं समाज सेवा समिति आष्टा को गूगल-पे के माध्यम से 1 लाख रुपए एवं 25 हजार रुपए नगद अर्चना कुशवाह पत्नी कुंअरसिंह कुशवाह निवासी आष्टा के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में गूगल माध्यम से भुगतान किया जिसमे 30 मार्च, 2019 को 30,000 रुपये एवं दिनांक 4 अप्रैल 2019 को 70,000 रुपए कुल 1,00,000 रुपये का भुगतान के बाद 25,000 रुपये नगद भुगतान किया गया। इस प्रकार अनिरुद्ध धाबरे से संस्था द्वारा 1,25,000 रुपये हड़प लिए गए ओर आज तक ना ही संस्था में कोई नौकरी दी गई। 



वही उक्त घटना को लेकर अनिरूद्ध धाबरे द्वारा कार्यालय पुलिस अनुविभागीय अधिकारी एवं थाना नसरुल्लागंज में आवेदन दिया गया। लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। पीड़ित अनिरुद्ध धाबरे का कहना है कि मेरे द्वारा दूसरे लोगों से पैसे उधार लेकर पैसे दिए गए थे। लेकिन मुझे ना तो एनजीओ में कोई नौकरी मिली ओर ना ही मेरा पैसा मुझे वापस मिला। जिससे में काफी परेशान हूं। वही अब अनिरद्ध धाबरे के द्वारा पैसे की मांग की जाती है तो उक्त कुंवरसिंह कुशवाह एवं उनकी पत्नी अर्चना कुशवाह, रोमिल एक्का निवासी कन्नौद जिला देवास द्वारा गन्दी-गन्दी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी जा रही है।



मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के विधानसभा में पहले चिटफंड कंपनी द्वारा भोले-भाले ग्रामीणों को ठगा गया था। उसके बाद अब जिले के आष्टा की संस्था कामेश्वरी शिक्षा एवं समाज सेवा समिति द्वारा एक व्यक्ति को नौकरी का लालच देकर लाखों रुपए हड़प लिए, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी द्वारा आवेदन के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। अब देखने वाली बात यह है कि पीड़ित को न्याय कैसे मिलेगा।

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