मिड-डे-मील: मासूम पर गिरी खौलती हुई दाल, अधिकारियों की लापरवाही से हुई मौत

8/29/2018 11:30:53 AM

शहडोल : जिला की प्राथमिक पाठशाला में मिड-डे-मिल के लिए चुल्हे पर पक रही खौलती हुई दाल मासूम पर गिरने से उसकी मौत हो गई। मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। हादसा होने के बाद मामला दबाने के लिए महिला बाल विकास और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जिला अस्पताल में डॉक्टर्स से मिलीभगत कर एमएलसी नहीं होने दिया और बच्ची को जबलपुर के निजी अस्पताल में रैफर कर दिया, जहां उसकी मौत हो गई।

कैसे हुआ हादसा ?
घटना जोधपुर के भर्राटोला स्कूल की है। दरअसल 23 अगस्त को सुहासिनी बैगा नाम की बच्ची जोधपुर के भर्राटोला स्कूल गई थी। सुहासिनी किसी निजी स्कूल में पढ़ती थी, इसके बावजूद उसका नाम आंगनबाड़ी में दर्ज था। 23 अगस्त को उसे आंगनबाड़ी बुलाया गया और आंगनबाड़ी केंद्र से महज 100 मीटर दूर प्राथमिक पाठशाला भर्राटोला में बन रहे मध्यह्न भोजन के लिए भेजा गया। वहां, भोजन पक रहा था और सहायिका गायब थी, तब मौजूद शिक्षक ने आग की लौ बढ़ाने सुहासिनी को भेजा और इस दौरान चुल्हे पर खौलती हुई दाल मासूम पर गिर गई। जिससे वह 50 फीसदी से ज्यादा झुलस गई।



प्रशासन की बड़ी लापरवाही
घटना की सूचना मिलते ही शिक्षक आनन-फानन में सुहासिनी को लेकर जिला अस्पताल आए और उसे भर्ती कराकर परिजनों को 250 रुपये देकर वहां से रफूचक्कर हो गए। माता-पिता का आरोप है कि एक जुट हुए महिला बाल विकास, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मामला दबाने के लिए यहां डॉक्टरों के साथ मिलीभगत कर एमएलसी नहीं होने दिया और बच्ची को जबलपुर के किसी निजी अस्पताल के लिए रैफर करा दिया। यहां किया गया इलाज उसके लिए नाकाफी रहा, नतीजन हादसे के पांच दिन बाद 28 अगस्त को सुहासिनी ने दम तोड़ दिया।



28 अगस्त मंगलवार की शाम सुहासिनी का शव जबलपुर से शहडोल पहुंचा जहां बुधवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

Prashar

This news is Prashar