शासकीय पटवारी 7 साल से लापता, उज्जैन सिंहस्थ में लगी थी ड्यूटी, आज तक नहीं लौटे वापस, 7 साल से तलाश कर रही पत्नी

1/17/2023 8:11:17 PM

खंडवा (निशात सिद्दीकी): एमपी अजब है और गजब भी है.. इस जुमले को एक बार फिर मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में हुई एक घटना ने साबित कर दिखाया है। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में पदस्थ एक पटवारी शासकीय ड्यूटी के दौरान 7 साल से लापता है। दरअसल 2016 में सिंहस्थ मेले के दौरान खंडवा से शासकीय ड्यूटी करने के लिए उज्जैन भेजे गए पटवारी वापस लौटकर आए ही नहीं। उनकी पत्नी 7 बरस से इंतजार कर रही है। कई अफसरों के चक्कर लगाए। उज्जैन तक कई बार परिजनों के साथ गई लेकिन हमेशा निराशा हाथ लगी। अब बेबस पत्नी अपने लापता पति के सिविल डेथ सर्टिफिकेट के लिए भटक रही है ताकि उसे पति की नौकरी मिल सके और बच्चों का गुजारा कर सके...



खंडवा जिले के कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगाने वाली यह बेबस महिला आशा बढ़ाई है। आदिवासी कोरकु समाज की महिला अपने पति को 7 साल से ढूंढ रही है। मध्य प्रदेश शासन के राजस्व विभाग में पदस्थ  राजेंद्र बढ़ाई वर्ष 2016 में खंडवा जिले के अतरगांव में पटवारी के रूप में पदस्थ थे। 2016 में उनकी ड्यूटी उज्जैन के सिंहस्थ मेले में लगाई गई थी। तब उनके भाई तेजेंद्र बढ़ाई उनको उज्जैन तक छोड़ने भी गए थे। सिंहस्थ मेले में ड्यूटी के बाद से ही राजेश बड़ाई कभी नहीं लौटे ना ही परिवार से बात की। सिंहस्थ मेले के सवा महीने बाद जब राजेंद्र बढ़ाई नहीं आए तो परिजनों ने जाकर उज्जैन में तलाश की। साथ ही खंडवा के राजस्व विभाग कार्यालय में भी शिकायत दर्ज कराई। राजस्व विभाग ने उनको सलाह दी कि कोतवाली पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं लेकिन 7 साल तक ना तो पुलिस और ना ही राजस्व विभाग के अधिकारी अपने पटवारी को ढूंढ पाए। पत्नी मजदूरी करके बेटी का पालन पोषण करती रहीं। अब बेबस पत्नी अपने लापता पति का सिविल डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए भटक रही है। पत्नी का कहना है कि अगर सिविल डेथ सर्टिफिकेट बन जाएगा तो उसे पति की नौकरी मिलेगी जिससे बच्चों का और उसका गुजारा हो सकेगा।

उधर जिला प्रशासन भी अब उनके परिजनों को डेट सर्टिफिकेट बनवाने की सलाह दे रहा है, क्योंकि 7 साल तक राजेश बढ़ई का कोई पता नहीं चला और अब उसे मृत घोषित करके परिजनों को इसका लाभ दिए जाने की तैयारी की जा रही है। कलेक्टर अनूप सिंह ने कहा कि इसमें उसके परिवार को जो भी मदद होगी प्रशासन मुहैया कराएगा। इस घटना के बाद एक बार फिर साबित हुआ कि अगर सरकारी नुमाइंदे ही ड्यूटी करते करते लापता हो जाएं और प्रशासनिक महकमे के अधिकारी ही उसे खोज नहीं पाए तो आम लोगों के साथ क्या होता होगा।

Vikas Tiwari

This news is Content Writer Vikas Tiwari