आप होते कौन हो नोटिस देने वाले? जब मैंने कहा सस्पेंड करो तो करो...गुना कलेक्टर ने लोगों के सामने लगाई जिला शिक्षा अधिकारी की क्लास
Tuesday, Sep 03, 2024-07:15 PM (IST)
गुना (मिस्बाह नूर) : गुना कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह का पहली मर्तबा मंगलवार जनसुनवाई में रौद्र रूप देखने तब मिला जब उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी की भरे सदन में क्लास ले डाली। सम्भवतः पिछले काफी समय से शिक्षकों सहित शिक्षा विभाग के दोषियों पर कार्रवाई के लिए निर्देश देने के बावजूद उस अमल न होने के कारण कलेक्टर का गुबार निकला है। क्रोधित कलेक्टर ने भरे मजमे में कहा कि पिछले छह महीने से नोटिस नोटिस कर रहे हो, ताकि दुकान चलती रहे आपकी। आप हो कौन नोटिस देने वाले और उसी वक्त कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ प्रथम कौशिक को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निरीक्षण करने के फरमान जारी कर दिए।
दरअसल, कलेक्टर डॉ सत्येंद्र सिंह मंगलवार को जनसुनवाई में लोगों की शिकायतें सुन रहे थे। तभी एक शिक्षक की शिकायत सामने आई। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर सिसोदिया को बुलाकर पूछा, तो उन्होंने कहा कि नोटिस जारी कर रहे हैं। इस बात पर कलेक्टर नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि आप छह महीने से नोटिस-नोटिस कर रहे हो, ताकि आपकी दुकान चलती रहे। मैं जो देखकर आया हूं, सस्पेंड करिए उसे। हर जगह नोटिस देते रहते हो। हर दिन नोटिस। आप कौन होते हो नोटिस देने वाले। जब सस्पेंड करने का मैंने बोला तो आप क्यों नोटिस दोगे। आप को देना ही नहीं है नोटिस। सस्पेंड कौन करेगा।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जॉइंट डायरेक्टर करेंगे या आप करेंगे। इस पर कलेक्टर ने कहा कि तो मुझे करने दीजिए सस्पेंड, आप क्यों नोटिस दे रहे हैं। निलंबित करने के लिए नोटिस देने की जरूरत क्यों है। कोई नोटिस नहीं देना है, निलंबित करिए। पढ़ना न लिखना, हर काम के नोटिस भेज रहे हो। बुलाओ उस बाबू को जो नोटिस दे रहा है। देखते हैं कितना बड़ा नोटिसबाज है। आपने पिछले छह महीने से एक आदमी को सस्पेंड नहीं किया। क्यों आप नोटिस नोटिस खेलते हो।
इस मामले पर कलेक्टर ने बताया कि विगत दिनों जब क्षेत्र के दौरे पर गए थे तो यह सामने आया था कि कुछ स्कूलों में शिक्षक आवश्यकता से ज्यादा पदस्थ है और काफी समय से गायब हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी अपने स्तर पर ही नोटिस दे कर काफी सारी चीजों का निराकरण करने की कोशिश करते हैं, जबकि कुछ अनुपस्थिति के मामले ऐसे हैं, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर से नोटिस देकर कार्रवाई नहीं हो सकती। वह कार्रवाई जिला पंचायत सीईओ या कलेक्टर के स्तर से ही हो सकती है। इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी को कहा है कि नस्तियां प्रस्तुत करें और जिला पंचायत सीईओ को कहा है कि एक टीम भेज कर इनके दफ्तर में पिछले छह महीने में कितने नोटिस जारी किए गए हैं और उनमें क्या स्थिति है, उसकी विस्तृत जांच कर के प्रतिवेदन दें। अगर उसमें जिला शिक्षा अधिकारी की कर्तव्यहीनता पाई जाती है तो सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी।