SC/ST एक्ट: ''CM के बयान का विधिक महत्व नहीं'', अगली सुनवाई 11 को

10/5/2018 10:56:45 AM

ग्वालियर: एससी/एसटी एक्ट में कार्रवाई पर सीएम शिवराज द्वारा दिए बयान पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में शिवपुरी एसपी राजेश हिंगणकर ने अपना जवाब पेश किया। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से भी उन्हें कोई लिखित निर्देश नहीं मिला है कि एससी/एसटी एक्ट के मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं करनी है। जवाब को अस्पष्ट बताते हुए जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने पूछा- कि क्या आप जानते हैं कि इस जवाब के क्या परिणाम निकलेंगे? वहीं, सीएम के बयान पर कोर्ट ने कहा कि इस बयान का कोई विधिक महत्व नहीं है।



मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी। कोर्ट के रुख को देखते हुए सरकारी वकील ने विस्तार से जवाब पेश करने के लिए यह समय मांगा। साथ ही ऐसे मामलों में आरोपी को गिरफ्तार करने के संबंध में प्रस्तावित जांच का तरीका भी स्पष्ट करने के लिए कहा है।

दरअसल, 1 अक्टूबर को अतेंद्र सिंह रावत की अपील पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को ये बताने के लिए कहा था कि क्या मुख्यमंत्री ने ये बयान दिया है कि एससी-एसटी एक्ट के मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होगी? क्या मप्र में इसका पालन हो रहा है? आज हुई सुनवाई में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि समाचार पत्रों में 20 सितंबर को मुख्यमंत्री का यह बयान प्रकाशित हुआ था कि एससी-एसटी एक्ट के मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं होगी।

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