ग्वालियर नगर निगम प्रशासक संभागायुक्त ने सफाई कर लगाने को दी मंजूरी, BJP और कांग्रेस ने किया विरोध
2/2/2020 7:13:06 PM
ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम प्रशासक की कुर्सी संभालते ही संभागायुक्त एमबी ओझा ने शहर में सफाई कर लगाने को मंजूरी दे दी है, जबकि निगम परिषद में दो बार सफाई कर लगाने के प्रस्ताव को वापस कर दिया गया था। वहीं सफाई कर लगाने का चेम्बर और बीजेपी ने ही नहीं बल्कि कांग्रेस ने भी विरोध किया है और आंदोलन की चेतावनी दी है। वहीं इस करारोपण को लेकर बीजेपी कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगा रहे हैं।
ग्वालियर सहित पूरे प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव होने वाले है ऐसे में 31 जनवरी को निगम प्रशासक का पदभार ग्रहण करने वाले संभागीय कमिश्नर एमबी औझा ने ग्वालियर शहर में सफाई व्यवस्था के लिए शहरवासियों से कर लेने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर दिए जिसका भारी विरोध भी शुरू हो गया है। व्यापारियों का नेतृत्व करने वाले चैंबर ऑफ कॉमर्स तो इस करारोपण के खिलाफ खुलकर विरोध में खड़ी हो गया है। उसने प्रशासक औझा की कार्रवाई को हिटलरशाही करार दिया है और इसे जनविरोधी बताते हुए आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला बताया है। इतना ही नहीं चैंबर ने सड़कों पर आंदोलन की चेतावनी देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कैबिनेट मंत्री जयवर्धन सिंह, प्रधुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी लाखन सिंह बीजेपी सांसद विवेक शेजवलकर सहित स्थानीय विधायकों को पत्र लिखा है और इस सफाई कर की वसूली रोकने के साथ इस कर को शीघ्र निरस्त करने की मांग की है।
बीजेपी ने शहरी क्षेत्र में लगाए जाने वाले इस सफाई कर का जबरदस्त तरीके से विरोध तो किया है, लेकिन इस बहाने वह कांग्रेस सरकार को घेरने से भी बाज नहीं आई बीजेपी का सीधा आरोप है कि इसमें कांग्रेस सरकार की रजामंदी है। यही वजह है कि प्रशासक ने इस कर के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वहीं बीजेपी का कहना है वह इसके खिलाफ आंदोलन करेगी और नगर निकाय के चुनाव में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाएगी।
वहीं कांग्रेस इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में है उसका कहना है जब ग्वालियर नगर निगम पहले से ही सम्पत्ति कर और अन्य करो के जरिए स्वच्छता शुल्क वसूल करता है तो अलग सफाई कर लगाया जाना पूरी तरह अनुचित है। इसको लेकर वह मुख्यमंत्री और संबंधित मंत्री को अवगत कराएंगे और सफाईं कर नहीं लगने देंगे कांग्रेस का कहना है हाल में निगम के चुनाव भी हैं। ऐसे में यह निर्णय गलत है। वहीं एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं है बीजेपी बेवजह आरोप लगाती है।