कोरोना की मार झेल रहे हार्वेस्टर, खून पसीने की कमाई से साइकिल खरीद तय करेंगे 1200 कि.मी. का लंबा सफर

4/18/2020 6:32:09 PM

राजगढ़(तनवीर वारसी): लॉक डाउन के कारण जहां सब कुछ थम सा गया है, वहीं लोगों का काम धंधा भी चौपट हो गया है। अप्रैल गुजरने वाला है लेकिन कोरोना संकट के कारण इस बार गेंहू की कटाई शुरु नहीं हो पाई। ऐसे में प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों से फसलों की कटाई के लिए आने वाले हार्वेस्टर के मजदूर दाने दाने को मोहताज हो गए हैं।  कोरोना की मार खाए कुछ ऐसे ही हार्वेस्टर हैं, जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई साइकिल खरीदने में लगा दी और खाली हाथ अपने घर वापसी की।

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मौसम की मार झेल चुके किसान मजदूरों को गेंहू की कटाई से थो़ड़ी आस थी लेकिन कोरोना ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। लॉकडाउन के चलते फंसे 9 श्रमिकों ने अपनी बची हुई जमा पूंजी में से साइकिल खरीदे और 1200 किमी दूर अपनी मंज़िल के लिए निकल पड़े। ये श्रमिक पंजाब से आये थे और इन्होंंने 45 हज़ार में 9 नई साइकिल खरीदी और इस अधूरे सीजन की पूरी पूंजी खर्च कर खाली हाथ लिए अपने घर लौट रहे है। ये सभी हार्वेस्टर के चालक है और राजगढ़ के कुरावर में फरवरी महीने में कुछ काम के लिए आए थे। तभी लॉक डाउन लागू हो गया और यही फंस गए। इन्हें 14 अप्रैल को हालात सामान्य होने की उम्मीद थी लेकिन लॉक डाउन बढ़ा दिया गया तो लोगों इन्हें गांव से निकाल दिया। 2 दिन सड़कों पर बैठे रहे किसी वाहन ने लिफ्ट नहीं दी आखिर में 9 साइकिल खरीदी और अपनी मंजिल की ओर चल दिए।


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meena

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