ग्वालियर में संचालित कॉलेजों की जांच के लिए आयोग में 1 जज और दो अधिवक्ता शामिल, रिपोर्ट पेश करने के लिए 6 सप्ताह का मिला समय

3/16/2022 4:12:21 PM

ग्वालियर (अंकुर जैन): मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल ने उस याचिका में बदलाव की मांगी है जिसमें हाईकोर्ट ने अंचल की 271 कॉलेजों की जांच के आदेश दिए थे। काउंसिल की ओर से तर्क दिया गया है कि ग्वालियर और चंबल संभाग में 271 कॉलेज नहीं है। 214 कॉलेज हैं। जिसमें 14 कॉलेजों की मान्यता निरस्त कर दी है। 200 कॉलेज बचे हैं, जिनकी जांच की जानी है।

कॉलेज सिर्फ कागजों में ही संचालित! 

दरअसल भिंड के हरिओम ने इसी साल हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में तर्क दिया है कि अंचल में नर्सिग कॉलेजों को नियम विरुद्ध मान्यता दी गई है। उनके पास न अस्पताल हैं, न बेड की व्यवस्था है। कॉलेज सिर्फ कागजों में ही संचालित हो रहे हैं। इनकी मान्यता निरस्त की जाए। इस पर नर्सिंग काउंसिल की ओर से तर्क दिया गया कि पिछले और वर्तमान सत्र में 271 कॉलेजों को मान्यता दी गई है। मान्यता देने से पहले पूरे नियमों को परखा गया था। कोर्ट ने 24 अगस्त 2021 को आदेश दिया था कि कॉलेजों की वास्तविक स्थिति पता करें, इसके लिए आयोग बनाया जाए।

 नहीं आई जांच रिपोर्ट 

आयोग के सदस्य कालेजों का निरीक्षण करेंगे। इस आदेश के खिलाफ प्राइवेट नर्सिंग एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की। एसोसिएशन का तर्क था कि जांच में जिन लोगों को शामिल किया गया है। वे कॉलेजों की जानकारी नहीं रखते हैं। सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में बदलाव कर दिया। हाई कोर्ट को जांच के लिए फिर से कमेटी बनाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नर्सिंग काउंसिल ने निरीक्षण के लिए जांच कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की रिपोर्ट पेश करने के लिए समय ले लिया था। लेकिन अब रिपोर्ट नहीं आई है। याचिका में बदलाव की मांग की गई है। वहीं ग्वालियर में संचालित कॉलेजों की जांच के लिए आयोग में एक जज और दो अधिवक्ताओं को शामिल किया गया है। जिसे अपनी रिपोर्ट 6 सप्ताह में कोर्ट में पेश करनी है। 
 


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News Editor

Devendra Singh

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