पार्टी दरी बिछाने को कहेगी तो मैं करूंगा, संसदीय बोर्ड के पुनर्गठन के बाद CM शिवराज की पहली प्रतिक्रिया

8/20/2022 7:48:01 PM

भोपाल(विवान तिवारी) : संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इस मुद्दे पर पहली प्रतिक्रिया दी है और इसके बाद अब मध्यप्रदेश का सियासी पारा चरम पर है। उन्होंने साफ तौर पर ये कहा है कि हम भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता है। मुझे कोई अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी दरी बिछाने को कहेगी तो शिवराज सिंह चौहान राष्ट्र के पुनर्निर्माण में दरी भी बिछाने का काम करेगा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को एक निजी मीडिया चैनल के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बात कही। बीते 17 अगस्त को ही संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन हुआ है। इसके तीन दिन बाद उन्होंने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी और लगातार कई राजनीतिक पंडितों और विश्लेषकों के लगाए जा रहे कई कयासों को साफ कर दिया है।

• प्रतिक्रिया की आड़ में सीएम ने दिया विरोधियों को करारा जवाब

सीएम शिवराज ने लगातार प्रतिक्रिया के माध्यम से अपने कई विरोधियों को करारा जवाब देते हुए ये कहा कि हम पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और एक बड़े लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ता के लिए वो तय करती है कि आपको क्या काम करना है। एक टीम है जो यह तय करती है। जिस प्रकार मध्यप्रदेश में हम तय करते हैं कि कौन क्या काम करेगा। चौहान ने ये कहा कि मुझे कोई अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। मैं तो पार्टी का आभारी हूं। मुझे इतने सालों में कई काम दिए। पार्टी मुझे जो भी काम देगी वो करूंगा। पार्टी बोलेगी कि गांव में रहो तो वही रहूंगा। सीएम ने कहा कि भाजपा एक विशाल परिवार है। अनेक योग्य व्यक्ति है इसमें। यह तो प्रवाह है, आगे बढ़ते हैं। कोई इस प्रवाह से बाहर हो जाता है। कल जन्माष्टमी थी, कन्हैया ने कहा था कि कर्म करो फल की चिंता मत करो।

• कन्हैया ने कहा था कर्म करो फल की चिंता मत करो: सीएम शिवराज

भांजे भांजियों के मामा और प्रदेश के सीएम शिवराज ने लगातार प्रतिक्रिया देते हुए ये कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा को में बधाई देता हूं कि इसमें पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण पूरा देश इसमें शामिल है। रिजनल बैलेंस बनाया, एक से एक योग्य कार्यकर्ता सम्मिलित किए गए हैं। बीते 17 अगस्त को संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों को बाहर कर दिया गया था। ये दोनों दिग्गज बीते 9 साल से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे हैं। इस पुनर्गठन में मध्यप्रदेश के ही दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह मिली है। जटिया 7 बार के सांसद और संघ के करीबी माने जाते हैं।

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