ब्लड कैंसर के इलाज में IIT इंदौर की नई रिसर्च, अब कम खर्च में होगा रामबाण इलाज

3/29/2021 4:28:58 PM

इंदौर (गौरव कंछल): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर ने एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया के उपचार के लिए प्रोटीन इंजीनियरिंग दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए एक नया ड्रग एस्पराजिनेस एम एस्पार तैयार किया है। ये दवा मौजूदा दवा के मुकाबले कम खर्च में बिना साइड इफेक्ट के रक्त कैंसर से लड़ने में मदद करेगी।

शोध में लग गए 12 साल

आईआईटी इंदौर 12 वर्षों से ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर के लिए दवा तैयार करने के लिए प्रयास किया जा रहा था। ल्यूकेमिया एक तरह का ब्लड कैंसर है, जिसके पीड़ितों में बच्चों की संख्या एक चौथाई होती है। भारत में हर साल करीब 25000 नए मामले पाए जाते हैं। सभी रोगियों को उपचार के लिए वर्तमान में एस्परजाइनेस का बार बार उपयोग करना गंभीर दुष्प्रभाव का कारण बनता है। जैसे एलर्जी न्यूरोटॉक्सीसिटी इसके प्रभाव होते हैं, लेकिन इस दवा के माध्यम से किसी भी तरह के साइड इफेक्ट नहीं होंगे।

आईआईटी के तैयार किए गए ड्रग के माध्यम से ज्यादा बीमारी को ठीक करने में फायदा होगा। वहीं, इसका फायदा बीमारी से ठीक होकर फिर बीमारी की चपेट में आने वाले लोगों को भी होगा। वर्तमान में जिन दवाइयों का प्रयोग किया जाता है, उनसे मानव अंगों पर काफी प्रभाव पड़ता है और फिर बीमारी की चपेट में आने पर मॉर्डन दवाइयों का बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में इस दवा से काफी हद तक फायदा होगा।

दवा का ट्रायल होना बाकी

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर ने मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर और मुंबई की बायोटेक के साथ अनुबंध किया गया है। ड्रग का क्लिनिकल ट्रायल यहीं पर होगा जल्द ही पहले दौर में करीब 25 लोगों पर इस ड्रग का ट्रायल किया जाएगा, जिसके माध्यम से दवाई की सुरक्षा सहनशीलता की जांच की जाएगी।

 

shahil sharma

This news is Content Writer shahil sharma