किसानों के सम्मान में मासूम बच्ची ने बनाई पेंटिंग, कड़कड़ाती ठंड में जबलपुर में पदयात्रा

12/17/2020 6:11:15 PM

जबलपुर/ इंदौर(विवेक तिवारी): दिल्ली में कृषि बिल को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन में जुटे हुए हैं लगातार इस मुद्दे पर सियासत भी तेज है। कई वार्ता होने के बावजूद भी किसान वहां से हिलने को तैयार नहीं है। उनका साफ कहना है कि जब तक कानून रद्द नहीं होंगे, हम यहां से वापस नहीं जाने वाले इस बीच देशभर के किसानों का साथ भी उनको मिलने लगा है तो अब उनके समर्थन में मध्यप्रदेश के इंदौर की एक मासूम बच्ची भी सामने आई है जिसने पेंटिंग के जरिए किसानों का समर्थन किया है। इंदौर के ओम विहार कॉलोनी की निवासी समृद्धि वर्मा जो कि महज अभी 7 साल की है उसने किसान की पेंटिंग बनाई है जिसमें किसान हाथ में फसल लिए हुए हैं और बकायदा उसने यह पेंटिंग पब्लिक डोमेन में शेयर भी की है।



समृद्धि वर्मा लगातार टेलीविजन चैनलों पर किसान आंदोलन को देख रही है यह देखते हुए उसके मन में एक कल्पना सामने आई और उसने उस कल्पना को पेंटिंग के रूप में आकार दे दिया समृद्धि के पिता मनोज वर्मा और माता राखी वर्मा बताती हैं कि समृद्धि को बचपन से ही पेंटिंग बनाने का शौक है और शुरू से वह अलग-अलग मुद्दों पर पेंटिंग बनाती रही है। शुरू से ही इसका आई क्यू लेवल बहुत अच्छा रहा है। अब जब वह टेलीविजन चैनलों पर शायद किसानों का आंदोलन देख रही है तो किसानों के सपोर्ट में उसने यह पेंटिंग बनाई है। जाहिर सी बात है कड़कड़ाती ठंड में जब किसान आंदोलन करने में लगे हुए हैं तो एक बच्ची का सपोर्ट उनके जोश को हाई जरूर करता है। समृद्धि अभी पहली क्लास में ही पड़ रही है लेकिन उसके विचार बहुत ऊंचे हैं तभी तो उसने अन्नदाता को इंदौर से बैठकर ही सपोर्ट किया

आंदोलन के अलग-अलग रंग
7 साल की मासूम समृद्धि ने पोस्टर के जरिए किसानों के लिए सपोर्ट में हाथ उठा दिए लेकिन सियासत में अब इसके अलग-अलग मायने और रंग देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को सियासतदान किसान मानने को ही तैयार नहीं है। उनको तो विपक्षी मानकर खिलाफत ही की जा रही है तो मध्य प्रदेश की राजनीति में किसानों को कृषि कानून समझाने के लिए जिले जिले में किसान सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं।



जाहिर सी बात है कि सियासत के रंगों के बीच किसानों को किसी तरह से यह बताना जरूरी है कि यह कानून कितने वाजिब है और आपके लिए कितने हितकारी हैं। इस एजेंडे को लेकर मध्य प्रदेश सरकार जुटी हुई है लेकिन सवाल यही उठता है कि जिस तरह से दिल्ली में किसानों ने डेरा डाला है। वहां पर अनेक वार्ता विफल हुई है। उसे आने वाले वक्त में क्या तस्वीर बनेगी और धीरे-धीरे जो किसान आंदोलन की चिंगारी मध्यप्रदेश में भी पनप रही है। उसको यहीं पर दबा दिया जाएगा या यह चिंगारी आग बनकर उभरेगी। जाहिर सी बात है वक्त के दहलीज में और भी रंग इसी पोस्टर की तरह देखने को मिलेंगे।

जबलपुर में पदयात्रा के जुदा रंग
इंदौर में मासूम बच्ची ने पोस्टर के जरिए किसानों का समर्थन किया तो जबलपुर में किसान नेता पद यात्रा के जरिए दिल्ली में बैठे किसानों का सपोर्ट करने के लिए सड़क पर उतर गए हैं। ये  किसान नेता कार्यकर्ताओं के साथ कड़कड़ाती ठंड के बीच और ऐसे दौर में जब की मौसम विपरीत चल रहा है। बारिश भी हो रही है उस दौरान किसानों के सपोर्ट में लगातार जबलपुर के कोने-कोने से पैदल यात्रा करके जबलपुर की ओर मार्च कर रहे हैं। किसान नेता दुर्गेश पटेल कहते हैं कि जब तक यह कृषि कानून वापस नहीं लिया जाएगा तब तक इसी तरह से पदयात्रा अलग-अलग इलाकों में निकाली जाएगी और दिल्ली में बैठे किसानों का सपोर्ट किया जाएगा। आने वाले वक्त में हम दिल्ली की ओर भी कुछ कर सकते हैं। किसान नेता दुर्गेश पटेल ने ये भी कहा आज अडानी अम्बानी की नौकरी के लिये किसानों को मजबूर किया जा रहा है ये बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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