नपा कर्मियों ने कायम की मिसाल, बेटे बनकर नर्मदा में विसर्जित की अनजान 30 शवों की खारी

5/26/2021 2:14:17 PM

नरसिंहपुर(रोहित अरोरा): मृत्यु वह पल है जो कुछ देर के लिए ही सही लेकिन रिश्तों की दूरियों को दूर कर देती है। दुश्मन भी अपने हो जाते हैं। गैर भी शवयात्रा को सम्मानपूर्वक नमन करते हैं। लेकिन, इस कोरोनकाल ने रिश्तों के जो रंग दिखाए वह अकल्पनीय और असंवेदनशीलता का चरम उत्कर्ष ही कहा जाएगा। इसका उदाहरण नरसिंहपुर जिला मुख्यालय का नकटुआ स्थित मुक्तिधाम है, जहां पिछले एक माह में सैकड़ों कोविड की चिताएं जलीं। इनमें से करीब 30 शव तो ऐसे थे जिन्हें उनके खून के संबंध वाले न तो दाह संस्कार करने आए न खारी उठाने। ऐसे शवों का बेटा बनकर नगरपालिका नरसिंहपुर के कर्मचारियों ने न सिर्फ कांधा दिया बल्कि उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी। मंगलवार 25 मई को इन्हीं बेटों ने पूरे हिन्दू रीति रिवाजों, पूजन-पाठ करते हुए अनजान शवों की खारी बरमान स्थित नर्मदा में विसर्जित की। मानवता, संवेदना और रिश्तों की लाज बचाने का ऐसा दुर्लभ और नायाब उदाहरण संभवतः देश-प्रदेश में पहली बार देखने-सुनने को मिला है।

25 मई को नगरपालिका सीएमओ कुंवर विश्वनाथ सिंह की अगुवाई में नगरपालिका के सफाई व मुक्तिधाम में कर्मचारियों ने नकटुआ स्थित मुक्तिधाम में खारियों को एकत्र किया। अधिकारी की मौजूदगी में सभी ने एक-एक कर सभी मृत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। खारी ले जाने के पूर्व जो-जो हिन्दू विधान होते हैं, उनका निर्वहन किया। इसके बाद इन 30 खारियों को ससम्मान नगरपालिका के शव वाहन में रखकर कर्मचारी नर्मदा के बरमान घाट पहुंचे। यहां उन्होंने इन खारियों को एक के बाद एक बहती धार में प्रवाहित किया। इस मौके पर सफाई दरोगा रंजीत दागोरिया के अलावा लखन बमनेले, शिवा, अजय, राजू, विकास प्रमुख रूप से मौजूद थे। अनजान खारियों को विसर्जन के लिए ले जाते वक्त इन कर्मचारियों की आंखें नम नजर आईं।

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