ओझा और बाबा के चक्कर में छोटी सी पथरी बन गई बड़ा गोला, फिर 30 साल बाद ऐसे मिला छुटकारा

3/23/2022 6:21:41 PM

दमोह(इम्तियाज चिश्ती): दमोह में गरीबी के चलते ओझा और बाबाओं के चक्कर में पड़कर एक शख्स की बीमारी इतनी बढ़ गई कि उसकी जान पर बन आई। दर्द जब बर्दाश्त से बाहर हो गई तो उसने डॉक्टरों के पास जाना ही उचित समझा। गनिमत यह रही कि वह सही समय पर सही डॉक्टर के पास पहुंच गया और उसकी जान बच गई।

दरअसल, पटेरा निवासी 60 वर्षीय कीरत राठौर जो यूरिन ब्लेडर में स्टोन पथरी होने से परेशान रहता था लेकिन ग़रीबी के चलते बड़े अस्पताल में इलाज नहीं करा सकता था और यहां वहां, बाबाओं, ओझाओं के चक्कर काटता। देशी दवाएं लेकर घूमता रहा वक़्त गुजरता गया, लेकिन पेशाब की थैली में जमा पत्थर के टुकड़े अब एक बड़ा रूप ले चुके थे  और कीरत  की परेशानी नासूर बनती गई हजारों जगह इलाज कराते वर्षों गुजर गए। जब दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ तो किसी ने सामाजिक कार्यों में हमेशा अग्रणीय रहनेवाली संस्था आधारशिला के मिशन अस्पताल का पता बता दिया जहां कीरत राठौर को बहुत ही कम खर्च में पथरी का सफल इलाज हो गया। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक  डॉ ए के तिवारी ने ऑपरेशन किया अब कीरत ठीक है अच्छी तरह से चल फिर भी सकता है।

ग़रीब मज़लूम कीरत राठौर की परेशानी और स्थिति देखकर मिशन अस्पताल प्रबंधन ने उसे कम से कम ख़र्च में सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई और उसका सफल ऑपरेशन कर दिया। डॉ ए के तिवारी ने भी बताया कि देशी दवाओं की आड़ में  झोलाछाप डॉक्टरों से बचे साथ ही ओझाओं की झाड़ फूंक से इससे जान को भी खतरा बना रहता है।

meena

This news is Content Writer meena