MP Election: MP की राजनीति में इन रियासतों का रहा है दबदबा

11/26/2018 6:20:53 PM

भोपाल: विधानसभा चुनाव में वोट मांगने वालों की कतार में कई राजसी परिवार के लोग भी शामिल हैं। मौजूदा चुनाव में ऐसे लगभग 50 लोग इस बार चुनावी रण में हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर दिग्विजय सिंह इस कतार में शामिल हैं। बता दें कि 28 नवंबर को मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर चुनाव ग्वालियर के सिंधिया राजपरिवार का प्रदेश के अलावा देश की राजनीति में भी बड़ा प्रभाव रहा है। कांग्रेस के सीनियर नेता और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में एक ज्योतिरादित्य सिंधिया इसी परिवार से आते हैं। 

प्रदेश में इसी तरह ऐसे दो दर्जन राजसी परिवार हैं जिनके सदस्य प्रत्यक्ष तरीके से राज्य की राजनीति से जुड़े हुए हैं। ग्वालियर, राघोगढ़ के अलावा रीवा, नरसिंहगढ़, चुरहट, खिचलीपुर,देवास, दतिया, छतरपुर और पन्ना सहित पूरे प्रदेश में 34 राजघराने हैं जिनसे जुड़े लोग इस बार भी विधानसभा में न सिर्फ चुनाव लड़ रहे हैं बल्कि राज्य की राजनीति को भी प्रभावित करते रहे। इनका प्रभाव यह रहा है कि राज्य के इतिहास में लगभग दो दशक तक सीएम इन्हीं राजघरानों से बनते रहे हैं और अब तक कोई ऐसी सरकार नहीं रही, जब इन घरानों से संबंध रखने वाले कोई मंत्री नहीं रहे हों। इस बार भी जिस तरह सभी दलों के उम्मीदवारों में इनकी तादाद दिख रही है, इस ट्रेंड के जारी रहने की पूरी संभावना है। 

वहीं ज्योतिरादित्य की बुआ और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया राजस्थान की सीएम हैं और वह खुद चुनाव में अपनी गद्दी बचाने उतरी हैं। उनकी दूसरी बुआ यशोधरा राजे सिंधिया शिवराज सरकार में मंत्री हैं और बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रही हैं। 

बुंदेलखंड में रियासतों का जोड़...
मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में शुरू से राजनीतिक दलों से अधिक रियासतों का प्रभाव रहा है। इन रियासत से जुड़े लोग जिस तरह अपना रुख करते हैं, राजनीति भी उसी तरह मोड़ लेती चली जाती है। छतरपुर के विजावर और महाराजपुर विधानसभा इलाकों में वहां के राजा मानवेंद्र सिंह उर्फ भंवर राजा ही अब तक राजनीतिक दिशा तय करते रहे हैं तो खजुराहो में भी वहां का सियासी परिवार हावी है। प्रभाव का पता इसी से लगता है कि कांग्रेस ने इनको समर्थन देने के लिए अपने सीनियर नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी की बात अनसुनी की जिसके बाद वे पार्टी छोड़कर चले गए। 

दिग्विजय भी हैं शामिल...
प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय कांग्रेस के अहम रणनीतिकार हैं। राघौगढ़ के राजा रहे दिग्विजय के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह और बेटे जयवर्धन सिंह भी विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमा रहे हैं।

 

Vikas kumar

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