बेरोजगारी का हवाला देकर पत्नी के भरण पोषण से इंकार नहीं कर सकता पति- Family Court Indore

4/7/2022 6:55:49 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर फैमिली कोर्ट ने दिहाड़ी करने वाली महिलाओं को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है, जिसमें पीड़िता पत्नी पर चरित्र शंका करना व मजदूरी करने का हवाला देकर भरण पोषण नहीं देने वाले पति को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पति को पीड़िता को तीन लाख अस्सी हजार रूपये देने का निर्देश दिया है। साथ ही न्यायलय ने ऐसे मामलों को लेकर सख्त टिपण्णी की है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ पति बेरोजगारी का हवाला देकर पत्नी को भरण पोषण के दायित्वों से मुक्त नहीं हो सकता है।

दरअसल इंदौर के हीरा नगर थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने 2016 में पारिवारिक न्यायलय में भरण पोषण को लेकर केस दायर किया था जिस पर पीड़िता के पति द्वारा कोर्ट में पत्नी पर चरित्र व उसके द्वारा मजदूरी करने का हवाला देकर और खुद को बेरोजगार बता कर भरण पोषण केस को ख़ारिज करने की अपील की गई थी। पीड़िता के वकील प्रीति मेनन ने बताया कि कोर्ट ने पति की अपील को ख़ारिज करते हुए मजदूरी करने वाली पत्नियों के लिए अहम फैसला सुनाया है और पति को पीड़िता द्वारा आवेदन दिनांक से प्रति माह छह हजार रूपये भरण पोषण की राशि देने का निर्देश दिया है। साथ ही न्यायलय ने पूरे मामले में सख्त टिपण्णी करते हुए कहा है की कोई भी पति पत्नी पर चरित्र शंका या पत्नी द्वारा मजदूरी करने व खुद को बेरोजगार बता कर भरण पोषण के दायित्व को नकार नहीं सकता है। इंदौर फैमिली कोर्ट के इस निदेश से कई पीड़ित पत्नियों को न्याय मिलने की उम्मीद की जा रही है।

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This news is Content Writer meena