दो बार मौत के मुंह से लौटे कैलाश चंदेल के हौसले बुलंद, एक पैर के साथ शिद्दत से निभा रहे ड्यूटी

6/8/2021 2:27:41 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): एक तरफ कोरोना काल में अपनों ने अपनों का साथ छोड़ दिया। वहीं खाकी वर्दी पहने समाज का पहरेदार सेवा के लिए अपने दोनों पैर क्षतिग्रस्त होने के बावजूद भी खड़ा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं इंदौर के उप निरीक्षक कैलाश चंदेल की, जिन्होंने वर्दी का असली मानवीय चेहरा समाज के सामने लाकर रख दिया है। उनका एक पैर दुर्घटना में कट गया था, जो नकली लगवाना पड़ा, वहीं दूसरे हादसे में दूसरे पैर भी क्षतिग्रस्त हो गया व रॉड लगी हुई है। फिर भी इंसानियत का ऐसा जज्बा कि डी. आर. पी. लाइन में बने पुलिस कोविड सेंटर में 24 घंटे अपनी सेवाएं दे रहे हैं।



दरअसल, उप निरीक्षक कैलाश चंदेल जिनका 1999 में एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उनका एक पैर कट गया था। इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और नकली पैर लगवाकर वापस ड्यूटी पर आ गए। इतना ही नहीं कई महत्वपूर्ण मामलों को सुलझाया। इसके बाद 2012 में एक बार फिर काल की क्रूरता उनके सामने आ गई। इस बार उनका दूसरा पैर टूट गया, जिसमें रॉड लगानी पड़ी, लेकिन हिम्मत का ऐसा जज्बा कि वह फिर मैदान में आ गए।



एक माह पहले जब उनसे पूछा गया कि डीआरपी लाइन में बने कोविड सेंटर (covid center) में वह ड्यूटी दे सकते हैं क्या? तो उन्होंने कहा कि दो बार मौत के मुंह से लौटा हूं। यह सब लोगों की सेवा का ही परिणाम है। फिर उन्हें यहां सुपर विजन का काम दिया गया। जहां वे एक माह से 24 घंटे सेवा दे रहे हैं।



गौरतलब है कि कैलाश चंदेल को उज्जैन में हुई अशोक सिंधी की हत्या और डकैती का खुलासा करने पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया था। इसमें हत्या के आरोपी भगवान चोटी को एक पैर नकली होने के बावजूद वे अकेले पकड़ा था, वहीं शहर में दो हत्या और सीरियल चाकूबाजी के आरोपियों को भी पकड़ा था। चंदननगर में एक करोड़ की डकैती का भी खुलासा किया था। अब तक उन्हें पांच लाख रुपए के इनाम से भी नवाजा जा चुका हैं एंव चैंपियन ऑफ डे से भी सम्मानित किया गया।

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