जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा मासूम, पुलिस ने मां को कर दिया जेल में बंद
4/12/2021 1:33:58 PM
इंदौर (सचिन बहरानी): मध्यप्रदेश में कोरोना से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इंदौर में एक मासूम जिंदगी और मौत के बीच में जूझ रहा है, मासूम कुछ बोल नहीं सकता लेकिन वो मन ही मन ये सोच रहा होगा कि आखिर किसकी गलती की सजा वो काट रहा है। सिस्टम की या फिर उसके खुद के अपनो कीं। इन सवालों के बीच में जिंदगी से दूर मौत की तरफ उस दर्द में गुमसुम होकर मासूम अपने आप से सवाल जरूर कर रहा होगा, आखिर इंसानियत क्या इतनी बुरी होती है।
इंसानियत और सिस्टम की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए ये दास्तां 9 महीने के मासूम रणवीर यादव की है, जो आज इंदौर के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। अपनी मां की एक झलक और उसकी बेबस ममता को पाने के लिए तरस रहा है। वह भी उसके नसीब में नहीं है, क्योंकि उसकी मां सलाखों के पीछे अवैध शराब बेचने के मामले में बंद है। रणवीर की जिंदगी में कोई अभी अपना है, तो वो उसके पास बैठी उसकी नानी है। अपने पोते के नानी लिए जिला न्यायालय, शासन-प्रशासन से गुहार लगा रही है कि उसकी मां को एक बार उसके बेटे से मिलवा दो।
परिजनों का आरोप है लसूडिया थाने से कुछ दिन पहले कुछ पुलिस वाले आए थे। पूछताछ के नाम पर घर से सभी महिलाओं और पुरुष को थाने ले गए। फिर वहां से उन्हें अवैध शराब बेचने के अपराध में केस दर्ज कर जेल भेज दिया। 15 दिन से मासूम अपनी मां और दूध के लिए तरस रहा है। पहले तो पड़ोस में रहने वाली महिलाओं ने 6 से 7 दिन उसकी देखभाल की जब उसकी हालत मां के बिना रो-रो कर खराब होने लगी तो पड़ोसियों ने उसे उसकी नानी को सौंप दिया। नानी भी जिंदगी का जैसे तैसे गुजर-बसर कर रही है, कुछ दिन देखभाल किया है, लेकिन मां के बिना मासूम की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती गई और आज हालात ऐसे हैं, वह खुद से सांस भी नहीं ले पा रहा है। सांस के लिए वेंटिलेटर पर है।