दो हार से बौखलाए बब्बू , जिला अध्यक्ष पर बोला हमला, जीएस की ढाल बने राम

8/19/2020 6:45:50 PM

जबलपुर(विवेक तिवारी): मध्य प्रदेश की सियासत में उपचुनाव को लेकर बयान बाजी का दौर जारी है। लगातार कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग हो रही है लेकिन अभी भी उप चुनाव की डेट दूर है लेकिन नेतागिरी तो होनी जरूरी है लिहाजा कभी दौरे के नाम पर कभी योजनाओं के नाम पर सियासत दान सियासत करने से चूक नहीं रहे हैं। ग्वालियर की तरफ तो भारी बारिश में भी बेहद गर्म माहौल है तो अगर हम महाकौशल की राजनीति की बात करें तो यहां पर तो बरगी बांध के 13 गेट भी खुल गए हैं लेकिन सियासत की गर्मी का पारा कम नहीं हो रहा है। अजय विश्नोई जो कि पूर्व मंत्री हैं और पाटन से विधायक हैं। उनके निशाने पर लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है वजह भी साफ है मंत्री पद ना मिलना ऐसे में जो मन का गुब्बार भरा है। वह लगातार ट्विटर और बयानों के जरिए निकल रहा है तो इस बीच एक और नेता ने सियासत में नई बहस छेड़ दी है। नई बहस इसलिए कि जिसके बारे में सवाल उठाए गए हैं। वे अपने नेतृत्व क्षमता के कारण बेहद प्रभावी हैं लेकिन 2018 के चुनाव में मिली हार का ठीकरा एक नेता जी उन पर फोड़ रहे हैं और उनको तो जिला अध्यक्ष से अलग करने के लिए भी जुटे हुए हैं।

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हम बात कर रहे हैं जबलपुर बीजेपी के जिला अध्यक्ष जी एस ठाकुर और जबलपुर की पश्चिम विधानसभा से लगातार दो बार से पराजय का मुंह देख चुके पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू, बब्बू ने हार का ठीकरा जिला अध्यक्ष जी एस ठाकुर पर फोड़ा अनर्गल आरोप लगाए कि यह मुझे हराने के लिए लगे हुए थे। उन्होंने तो यह भी कह दिया कि अध्यक्ष के लायक ही नहीं अब जब विवाद उठा तो जिला अध्यक्ष जी एस ठाकुर को सबसे बड़ा साथ मिला कांग्रेस से बीजेपी में आए पंडित राममूर्ति मिश्रा का या यूं कहें कि राममूर्ति मिश्रा जी एस ठाकुर के लिए एक संजीवनी बनकर ही सामने आए। उन्होंने साफ लहजे में फेसबुक में पोस्ट कर डाली कि जी एस ठाकुर बेहतरीन कार्य कर रहे हैं बब्बू जी आपका ये विरोध बिल्कुल भी ठीक नहीं है और आप पार्टी को गर्त में ले जा रहे हैं।

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जाहिर सी बात है कि जब एक कांग्रेस की पृष्ठभूमि से आए हुए नेता बीजेपी के जिला अध्यक्ष के सपोर्ट में खड़े होते हैं तो उनके साथ जबलपुर के तमाम कार्यकर्ता जी एस ठाकुर के सपोर्ट में खड़े हो गए और जी एस ठाकुर को प्रबल नेतृत्व कर्ता शालीन स्वभाव और कार्यकर्ताओं को साथ में लेकर चलने वाला बताने लगे लेकिन जुबानी जंग यहीं पर रुकी नहीं, बब्बू ने तो पंडित राममूर्ति मिश्रा को भी निशाने में लिया और सवाल उठा दिए कि आपकी वजह से भी मुझे चुनाव में हार मिली हालांकि उनके आरोपों पर कोई सच्चाई नहीं थी। क्योंकि पंडित राममूर्ति मिश्रा ने विधानसभा चुनाव के ठीक 2 दिन पहले बीजेपी में एंट्री ली थी। लिहाजा उनका उस वक्त बीजेपी में कोई प्रभाव था ही नहीं। ऊपर से हरेंद्र जीत सिंह बब्बू की नकारात्मक छवि उनको दबाने के लिए आतुर हुई जा रही थी। सवाल यहां पर यही उठा कि आखिर जी एस ठाकुर के बारे में कहां और क्या बात की जा रही है और इसके पीछे कहानी क्या है पंजाब केसरी ने इसकी पड़ताल की।

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जी एस ठाकुर को दूसरी बार मिली बीजेपी की कमान
आपको बता दें कि जी एस ठाकुर हाईकोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं साथ ही करीब 30 साल से ऊपर से बीजेपी में कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे। उनकी नेतृत्व क्षमता उनकी कार्यशैली और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर आगे चलने की क्षमता को देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने उनको जिला अध्यक्ष के रूप में कमान दी जी एस ठाकुर के रहते लगातार संगठन मजबूत हुआ संगठन में अनुशासन बना रहा और एक कार्यकर्ताओं का जो मन होता है कि अध्यक्ष उनकी ऊर्जा को बरकरार रखे जी एस ठाकुर इस दिशा में भी पूरी तरह से सही साबित हुए लेकिन जी एस ठाकुर के प्रभाव को देखते हुए बीजेपी का एक धड़ा उनको अलग करने के लिए जुटा हुआ है लिहाजा अनर्गल बयानबाजी का दौर जारी है। हालांकि जी एस ठाकुर के साथ में जिस तरह से अन्य बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का साथ है। उससे दूसरा धड़ा कमजोर जरूर पड़ रहा है और लगातार जी एस ठाकुर के नेतृत्व को सराहा जा रहा है ।

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बब्बू पर पार्टी कर सकती है कार्यवाही
पूर्व विधायक हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने जिस तरह से जी एस ठाकुर के खिलाफ पार्टी फोरम से हटकर सार्वजनिक मंच से आरोप लगाए हैं। उसको लेकर बीजेपी आलाकमान ने गंभीरता दिखाई है। जल्द ही हरेंद्र जीत सिंह बब्बू पर बीजेपी अनुशासनहीनता की कार्यवाही कर सकती है। जी एस ठाकुर के साथ जुड़े कार्यकर्ताओं ने आलाकमान तक अपनी बात भी पहुंचाई है।इससे साफ है कि जिस तरह से पंडित राममूर्ति मिश्रा ने जीएस ठाकुर को लेकर बब्बू के खिलाफ मोर्चा खोला है। उससे अब साफ है कि जी एस ठाकुर के साथ पार्टी के एक धड़े को छोड़कर संपूर्ण बीजेपी की जबलपुर इकाई खड़ी है और आने वाले दिनों पर बब्बू पर बड़ी कार्यवाही की जा सकती है।


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meena

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