सागर जिले के जैसीनगर का नाम अब ‘जय शिवनगर' होगा : मुख्यमंत्री मोहन यादव

Thursday, Sep 25, 2025-08:09 PM (IST)

सागर : मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड स्थित सागर जिले की जैसीनगर तहसील का नाम अब ‘जय शिवनगर' होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर ‘अन्न सुरक्षा संकल्प समारोह' को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जैसीनगर का नाम ‘जय शिवनगर' करने की मैं घोषणा करता हूं।'' उन्होंने कहा कि जैसे ही इस बारे में प्रस्ताव आएगा, औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने जैसीनगर को नगर परिषद का दर्जा देने की भी घोषणा की। जैसीनगर सुरखी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यादव ने इस दौरान लगभग 200 रुपये करोड़ की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी किया तथा ‘सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन पोर्टल' की शुरुआत की। इसके तहत पाइप लाइन बिछाकर घरों तक पाइप वाले प्राकृतिक गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सिटी पोर्टल के माध्यम से नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, उसके बाद धीरे-धीरे बड़े-बड़े गांव तक गैस के कनेक्शन घर-घर मिलेंगे। एकल खिड़की पोर्टल के माध्यम से कंपनियों को घर घर कनेक्शन देने का काम होगा।'' उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के लोग जो मांगेंगे, सरकार वह सब देने के लिए तैयार है।

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मुख्यमंत्री ने लाड़ली बहना योजना को लेकर भी घोषणा की और कहा कि भैया दूज से लाडली बहनों को 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के पास बहनों को आर्थिक सहयोग देने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं और यह योजना लगातार जारी रहेगी। यादव ने कहा कि गोवंश संरक्षण को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने 2004 के बाद गोवंश की सुरक्षा के लिए कड़े कानून बनाए हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘गोमांस और गोवध की तो बात ही छोड़िए, कोई भी गोमाता को परेशान नहीं कर सकता। जो ऐसा करेगा, उसकी जगह जेल में होगी। हमारी सरकार बनते ही हमने गौशालाओं की संख्या बढ़ाई। दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए अगर कोई 25 गौ माता का प्रोजेक्ट बनाकर गौशाला खोलना चाहेगा तो 40 लाख रुपये की योजना रहेगी और उसमें 10 लाख हम अपनी तरफ से अनुदान देने वाले हैं।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की समृद्धि का मार्ग गांव की प्रगति से आएगा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका रास्ता दिखाया है। उन्होंने कहा कि किसानों को सोयाबीन की फसल पर 5320 रुपये का भाव दिलाया जाएगा और कहीं पर अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर फसल बिकती है तो फसल पर जो घाटा होगा , वह मध्यप्रदेश सरकार देने के लिए तैयार है।


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meena

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