शौक नहीं मजबूरी है ये लड़ाई जरूरी है- नारे के साथ फिर हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर, केंद्रीय मंत्री का वादा भी निकला झूठा!

12/20/2021 2:56:13 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर सहित प्रदेशभर में जूनियर डॉक्टरों की मुश्किलें हल होने का नाम नहीं ले रहीं है  डॉक्टर्स एक सप्ताह पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के आश्वासन पर काम पर लौट आए थे, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने पर भी कोई ठोस कदम सरकार की ओर से जेडीए के लिए नहीं उठाया गया वजह यही है कि फिर मज़बूरी में  हड़ताल का रास्ता अपनाया गया है।

मीडिया से बात करते हुए डॉक्टर शुभांगी ने कहा कि हमारी बातों को पहले ही सुन लिया जाता तो इस पॉइंट तक आने की ज़रूरत नहीं पड़ती और एक नारे में अपनी बात कुछ यूं कही कि- शौक नहीं मजबूरी है ये लड़ाई ज़रूरी है। दरअसल फिर एक बार हुई हड़ताल को लेकर मामला कॉन्सलिंग लंबित है। जेडीए का कहना है कि नीट की परीक्षा पास करने के बाद पीजी में जिन छात्रों को एडमिशन लेना था, उनका पूरा साल खराब हो गया और काउंसलिंग नहीं हुई।


आठ दिन पहले जेडीए ने सांकेतिक हड़ताल की थी और इमरजेंसी को छोड़कर बाकी सब जगह काम करना बंद कर दिया था।ओपीडी में भी ड्यूटी करने से मना कर दिया था। तकरीबन 10 दिनों तक चली काम बंद हड़ताल का कोई फर्क नज़र नहीं आया। अलबत्ता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 7 दिनों में कोई हल निकालने का आश्वासन जेडीए को दिया था। आश्वासन के बाद जेडीए काम पर इस उम्मीद से लौट गए कि मामला हल होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब मामले की अनदेखी के चलते जेडीए इंदौर ने पूर्णता काम बंद फिर एक बार हड़ताल की है।

meena

This news is Content Writer meena