आर्थिक तंगी से जूझ रही कमलनाथ सरकार फिर लेगी 1000 करोड़ का कर्ज

12/3/2019 12:37:45 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में 15 सालों बाद सत्ता परिवर्तन हुआ है और कांग्रेस पार्टी एक बार फिर सत्तासीन हुई है। प्रदेश की कमलनाथ सरकार लगातार आर्थिक तंगी से जूझ रही है, जिसके चलते हर महीने कर्ज ले रही है। यही कारण है कि साल के आखिरी महीने में एक बार फिर कमलनाथ सरकार एक हजार करोड़ का कर्जा लेने जा रही है। इससे पहले जनवरी से नवंबर तक कर्ज ले चुकी है। यह कर्ज बैंकों के साथ-साथ बाजार से भी उठाया गया है।

मध्य प्रदेश सरकार अबतक वर्ष 2019 में 15 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। कर्ज लेने के पीछे सरकार का तर्क है कि विकासकार्यों और जनहित कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है। कर्ज लेने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को निविदा बुलाई हैं। वित्त विभाग ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपए कर्ज लेने की अधिसूचना जारी की है। यह राशि दस साल के लिए ली जाएगी। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार केंद्र से मिलने वाली राशि की धीमी गति का असर विकास परियोजनाओं पर नहीं पड़ने देना चाहती है।

शिवराज सरकार के समय से अब तक प्रदेश पर करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। एक साल होने को है लेकिन प्रदेश भर के किसानों का कर्ज अब तक आर्थिक तंगी की वजह से अटका हुआ है। वहीं मानसून ने भी सरकार को इस बार मजबूर कर दिया है। प्रदेश में बारिश से सड़कों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। राज्य सरकार का आरोप है कि उसे केंद्र सरकार से भी राहत राशि की सहायता नहीं मिल रही है। ऐसे में उसे अपने ही मद से इन सब चुनौतियों से निपटना पड़ रहा।

ये हैं कर्ज लेने के आंकड़े

-11 जनवरी- 1000 करोड़.

-1 फरवरी- 1000 करोड़.

-8 फरवरी- 1000 करोड़.

- 22 फरवरी- 1000 करोड़.

-28 फरवरी- 1000 करोड़.

-8 मार्च- 1000 करोड़.

-25 मार्च - 600 करोड़.

-5 अप्रैल - 500 करोड़.

-30 अप्रैल - 500 करोड़.

-3 मई - 1000 करोड़.

-30 मई - 1000 करोड़.

-7 जून - 1000 करोड़.

-5 जुलाई - 1000 करोड़.

-6 अगस्त - 1000 करोड़.

-4 सितम्बर - 2000 करोड़.

इसके अलावा अक्टूबर और नवबंर मे भी कर्जा लिया गया है।

किससे कितना लिया है कर्ज

बाजार से- 1,04,715

बिजली सहित अन्य बांड से- 7,407

वित्तीय संस्थानों से कर्ज- 12,283

केंद्र सरकार से कर्ज व अग्रिम- 17,137

अन्य देनदारी- 15,747

राष्ट्रीय लघु बचत फंड से- 23,697


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Edited By

Jagdev Singh

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