Video: कमलनाथ का शिवराज को जोर का 'झटका', शुरु हुआ योजनाओं के नाम परिवर्तन का सिलसिला

1/10/2019 5:34:54 PM

भोपाल: (इजहार हसन खान) मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 'वक़्त है बदलाव का' का नारा दिया था और लगता है कि कांग्रेस इसी नारे को अमलीजामा पहनाने में लगी है। इसी कड़ी में वंदे मातरम और आनंद मंत्रालय के बाद अब कमलनाथ सरकार शिवराज की संबल योजना का भी नाम बदलने जा रही है। इस नाम परिवर्तन के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं



दरअसल, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ एक के बाद एक बदलाव आए। जिसमें एक और परिवर्तन का इजाफा करते हुए प्रदेश के श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के अनुसार अब संबल योजना का नाम बदलकर 'नया सवेरा' रखा गया है। वहीं कांग्रेस के दूसरे मंत्री भी नाम बदलने को सही ठहरा रहे हैं। 

वहीं गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना है कि इस बारे में बीजेपी को थोड़ा धेर्य रखना पड़ेगा क्योंकि देश में जो 10 साल तक हमारी यूपीए सरकार थी तो उन्होंने योजनाओं के नाम क्यों बदले ?




वहीं पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि योजना का नाम भाजपा की सरकार ने किसी दिवंगत नेता के नाम पर नहीं रखा। न ही कोई राजनीतिक नाम था। संबल का मतलब गरीबों की मदद करना है। यह उसका सही नाम था और इसलिए राजनीतिक रूप से निर्णय लिया था।



योजना के नाम परिवर्तन पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने तंज तकसते हुए कहा कि जिस तरह फुर्सत में व्यापारी होता है उसी तरह से सरकार काम कर रही है अब योजनाओं के नाम बदलकर कुछ हासिल नहीं होगा। कांग्रेस को नई योजनाएं शुरु करनी चाहिए। 



गौरतलब है कि बदलाव के नारे के साथ सत्ता में आई कमलनाथ सरकार एक के बाद एक शिवराज सरकार की योजनाओं में बदलाव ला रही है। नई सरकार ने पहले आनंद विभाग का नाम बदला उसके साथ ही दीनदयाल वनांचल योजना और मीसाबंदी पेंशन को बंद किया और फिर वंदे मातरम के सामूहिक गायन का स्वरूप बदला। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा इस फेरबदल में शिवराज सरकार की संबल योजना भी बदलाव की भेंट चढ़ गई है। जिसमें इसका नाम बदलकर नया सवेरा होगा। 
 



क्या है संबल योजना ?
यह योजना साल 2018 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने शुरू की थी। जिसके तहत गरीबों को 200 रुपए महीने के फ्लैट रेट पर बिजली देने की व्यवस्था की गई तो वहीं पुराने बिजली बिलों को माफ किया गया। इसके अलावा संबल योजना की श्रेणी में आने वाले स्कूली बच्चों की पूरी फीस का खर्च सरकार उठाती है तो वहीं सरकार की तरफ से निशुल्क चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई जाती है। शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी प्रचार में जमकर संबल योजना का नाम लिया और अब जब इसका नाम बदलने जा रहा है तो कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक नया विवाद खड़ा होने के आसार बन गए हैं।

 

ASHISH KUMAR

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