शाही अंदाज से निकली राजा महाकाल की सवारी, 7 रूपों में बाबा ने भक्तों को दिए दर्शन

9/4/2018 10:43:05 AM

उज्जैन: सोमवार को भूतभवान महाकालेश्वर की शाही सवारी ठाट-बाठ से निकली। चांदी की पालकी में सवार राजा महाकाल ने नगर भ्रमण कर भक्तों को दर्शन दिए और प्रजा का हाल जाना। भादों माह की अंतिम सवारी को देखने के लिए हजारों की तादात में देश भर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। इस दौरान बाबा ने सात रूपों में भक्तों को दर्शन दिए।

सवारी अपने निर्धारित रास्तों से होते हुए शिप्रा नदी के रामघाट पहुंची जहां विधिवत्‌ महाकाल का जलाअभिषेक और पूजन अर्चन किया गया। देश भर से आए श्रद्धालुओं ने राजा महाकाल के दर्शन किए। महाकाल की सावन में चार और भादों माह में दो सवारी निकलती हैं जिसमें से यह अंतिम और शाही सवारी थी। सवारी शुरू होने से पहले महाकाल मंदिर में सबसे पहले कोटी तीर्थ कुण्ड के सामने चंद्र मोलेश्वर के रूप में विराजित महाकाल के चांदी के मुखौटे का मंदिर के पुजारियों द्वारा पूजन अर्चन कराया गया।



इसके बाद शंख की ध्वनि के साथ महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर महाकाल ने मंदिर परिसर से नगर भ्रमण के लिए प्रस्थान किया। पालकी जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर आई पुलिस सशस्त्र बल द्वारा महाकाल को सलामी दी गई।

वहीं, इस दौरान एक हादसा भी हुआ। दरअसल महाकाल घाटी पर श्रद्धालुओं से भरा मंच गिरने से उसके नीचे महिला, पुरुष व बच्चे दब गए। गनीमत यह रही कि किसी भी श्रद्धालु को गंभीर चोट नहीं आई।

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