MP चुनाव के बारे में कुछ रोचक तथ्य, जो जानना है जरूरी

11/29/2018 2:59:27 PM

भोपाल:  MP में 28 नबंवर को लोकतंत्र का महापर्व मनाया गया। इस दौरान बुजुर्गों से लेकर युवाओं ने इस पर्व में अपने मत की आहूति दी। इसके अलावा कई जगह चुनाव का बहिष्कार भी हुआ। वहीं, इस बार चुनाव को लेकर कुछ रोचक बातें भी सामने आईं। आइए जानते हैं...


कोई भी डकैत मैदान में नहीं
पिछले तीन दशक में ऐसा पहली बार हुआ, जब कोई डकैत या पूर्व डकैत सियासी रणभूमि में नहीं उतरे। हालांकि दो पूर्व डकैत मलखान सिंह और मोहर सिंह भिंड जिले के दो प्रत्याशियों के समर्थन में जुटे थे। ये दोनों ही मेहगांव से कांग्रेस प्रत्याशी ओपी भदौरिया और भिंड से बीजेपी के चैधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी के समर्थन में प्रचार कर रहे थे। 



दो सीट से लड़ रहे हैं
पिछले विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान एकमात्र प्रत्याशी थे, जो दो सीटों विदिशा और बुधनी से चुनावी मैदान में उतरे थे। इस बार बीजेपी के बागी रामकृष्ण कुसमारिया दो सीटों से मैदान में उतरने वाले एकमात्र प्रत्याशी हैं। 

मैदान में मूकबधिर
इस बार प्रदेश के चुनावी समर में एक मूक-बधिर प्रत्याशी भी मैदान में हैं। देश की राजनीति में शायद ऐसा पहली बार हुआ कि विधानसभा चुनाव में कोई मूक-बधिर मैदान में उतरा। बता दें कि सतना से मूकबधिर सुदीप शुक्ला ने प्रदेश की सतना विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा।



किन्नर भी उतरे चुनावी मैदान में...
2018 विधानसभा चुनाव में कई किन्नर भी मैदान में उतरे हैं। इनमें पूर्व किन्‍नर विधायक शबनम मौसी, मुरैना की अंबाह, अनूपपुर की कोतमा, शहडोल की जयसिंहनगर, दमोह, होशंगाबाद, इंदौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक दो और अन्य कुछ विधानसभाओं में किन्नर प्रत्याशी भी मैदान में हैं।



साधु-संतो ने भी किया ऐलान
कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने सर्व समाज कल्याण पार्टी का ऐलान करते हुए छह सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे।



वहीं, कंप्यूटर बाबा ने पिछले दिनों बीजेपी का साथ छोड़ कांग्रेस का समर्थन देने का ऐलान किया था। 

 

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