‘कुछ लोगों ने गद्दारी नहीं की होती...’ बयान पर केपी यादव की सफाई, बोले- मैंने किसी का नाम नहीं लिया, सिंधिया से मेरे अच्छे संबंध

2/27/2023 1:53:24 PM

गुना/भोपल: लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराकर सुर्खियों में आने वाले गुना सांसद केपी यादव एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। दरअसल, केपी यादव के एक बयान से प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। सांसद ने बिना नाम लिए सिंधिया को ‘गद्दार’ कहा था। हालांकि मामले ने तूल पकड़ी तो प्रदेशाध्यक्ष ने सांसद को भोपाल तलब किया और चर्चा की। जिसके बाद सांसद ने सफाई दी कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया और सिंधिया जी से मेरे अच्छे संबंध हैं।

ये कोई पहला मौका नहीं है कि सांसद केपी यादव ने सिंधिया पर जुबानी हमला बोला हो। इससे पहले भी उनके कई बयान सामने आ चुके हैं। हालांकि अब दोनों एक ही पार्टी में हैं और कई बार एक साथ स्टेज सांझा की लेकिन इनके आपसी मतभेद सुर्खियों में रहते हैं। ताजा मामले में सांसद केपी यादव शनिवार को यादव समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल होने गुना पहुंचे थे। इस दौरान सांसद ने कहा कि- पहले के सांसद तो अपनी गाड़ी का कांच तक नीचे नहीं उतारते थे। यहां कुछ लोगों को मैं रास नहीं आ रहा हूं। मैं पिछड़े वर्ग से सांसद बना तो पेट में दर्द होना तय है। मेरे खिलाफ साजिश रची जाती है, लेकिन हम कृष्ण के वंशज हैं। इतिहास भी हम ही बनाएंगे। बहुत से कार्यक्रमों के बारे में मुझे बताया नहीं जाता, मेरे बिना ही कई भूमिपूजन हो जाते हैं जो मैंने स्वीकृत कराए हैं। मैं साजिश रचने वालों को कहना चाहता हूं कि मैं इस माटी का बेटा हूं। पत्थरों पर भले ही मेरा नाम मत लिखना लोगों के दिलों पर मेरा नाम लिखा है। सांसद ने आगे कहा- कुछ लोग कहते हैं कि उसूलों पर आंच आये तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। हमें कोई भी कम आंकने की कोशिश न करे। हम जिंदा लोग हैं। हमारा भी स्वाभिमान है, उसूल हैं।"

वहीं शनिवार को ही सांसद केपी यादव एक और कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां पीजी कॉलेज में वीरमाता जीजाबाई सम्मान समारोह आयोजित किया गया था। क्रीड़ा भारती के इस कार्यक्रम में उन्होंने बिना नाम लिए सिंधिया परिवार जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा- 'अनादिकाल से ही मातृशक्ति का देश में सम्मान होता रहा है। चाहे जीजा माता हों, चाहे रानी लक्ष्मीबाई हों, इनके बलिदान को देश भुला नहीं सकता। रानी लक्ष्मीबाई भी हमारे पास झांसी की ही थीं। उनके शौर्य के बारे में भी हम सभी जानते हैं। हम ये भी जानते हैं कि अगर उस समय कुछ लोगों ने उनके साथ गद्दारी नहीं की होती, तो शायद भारत देश 75वी वर्षगांठ नहीं, बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहा होता यानी हम 100 साल पहले ही आजाद हो गए होते।'

केपी यादव के इस बयान ने राजनीतिक पारा बढ़ा दिया। गुना से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने आनन फानन में सांसद को भोपाल कार्यालय तलब किया। यहां तकरीबन 4 घंटे तक वीडी शर्मा ने उनसे चर्चा की। इसके बाद केपी यादव ने मीडिया के सामने बयान को लेकर सफाई पेश की और कहा कि कार्यक्रम में महिलाओं और मातृ शक्ति के बारे में बोल रहा था। उस समय ये बात निकल आई, लेकिन मेरी ऐसी भावना नहीं थी। बाद में मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि मेरा कौन सा शब्द कहां से निकाला गया है। मेरा ऐसा इरादा नहीं था। न मैंने ऐसा कुछ बोला है। जहां तक सिंधिया जी की बात है, उनसे मेरे अच्छे संबंध हैं। मैंने किसी का नाम नहीं लिया और न किसी को आहत करने का उद्देश्य था। मैं उनका सम्मान करता हूं। मेरे वरिष्ठ नेता हैं। ये पता नहीं कहां से कौन सी बात निकाल ली गई।


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meena

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