नेता प्रतिपक्ष बोले- कांग्रेस के कर्म ही उन्हें डूबाएंगे, एक महीना भी नहीं चलेगी सरकार

5/27/2019 3:58:06 PM

भोपाल: एमपी में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी कांग्रेस की स्थिरता को लेकर सवाल खड़े करती आई है। वहीं अब लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश सरकार के भविष्य पर हो रही चर्चाओं के बीच नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि, कांग्रेस सरकार एक महीने भी चल पाएगी इस पर उन्हें शक है? उन्होंने ये भी कहा कि, हम कुछ नहीं करेंगे उनके कर्म ही उन्हें ले डुबेंगे। सीधी में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। चार बार फ्लोर टेस्ट हो चुका है। फिर भी विपक्ष अगर चाहता है तो फ्लोर टेस्ट होना चाहिए। इधर कांग्रेस ने विधायकों की शिकायत के बाद अपने एक मंत्री को पांच विधायकों की जिम्मेदारी सौंपी है।




एग्जिट पोल आने के बाद से गरमाई राजनीति
दरअसल 19 मई को एग्जिट पोल आन के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। उन्होंन इस बारे में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने राज्यपाल को पत्र भी लिखा था। हालांकि पत्र में उन्होंने फ्लोर टेस्ट का अनुरोध नहीं किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि वे कई बार सदन में बहुमत साबित कर चुके और विपक्ष चाहेगा तो एक बार फिर से इसके लिए तैयार हैं। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि वे सरकार गिराने के पक्ष में नहीं हैं, कांग्रेस सरकार अपने कर्मों से खुद गिर जाएगा।  




क्यों बन रहे ऐसे हालात
प्रदेश की पांच महीने पुरानी कांग्रेस सरकार पर ख़तरे के बादल उसी दिन से मंडराना शुरू हो गए थे, जिस दिन कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस को 114 सीटें हासिल हुई थीं, जो बहुमत के आंकड़े से दो कम थी। दूसरी ओर भाजपा को 109 सीटें मिली थीं। चुनाव नतीजे आते ही बहुजन समाज पार्टी के दो, समाजवादी पार्टी के एक और चार निर्दलीय विधायकों ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इनको मिलाकर कांग्रेस कुल 121 विधायकों के समर्थन के बूते सरकार बनाने में कामयाब रही थी। 


 

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