कर्जमाफी पर हंगामे के साथ शुरु हुई विधानसभा की कार्यवाही, विपक्ष का सदन से वॉकआउट
7/9/2019 3:16:23 PM
भोपाल: विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत में खूब हंगामा हुआ। बीजेपी ने किसान कर्ज माफी तथा आयुष्मान योजना को लेकर सरकार की घेराबंदी की और सदन से वाकआउट कर दिया। शून्यकाल में पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कर्ज माफी का मुद्दा उठाया। शिवराज ने नियम 139 के तहत चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद बीज नहीं मिल रहा है, कर्जमाफी के लिए 48 हजार करोड़ चाहिए केवल 5 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।औने पौन दाम मे फसल खरीदी जा रही है, निराशा के चलते किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
विपक्ष ने किसान कर्ज माफी को लेकर भी सत्ता पक्ष को खूब घेराबंदी की और किसानों के मुद्दे पर हंगामा करते हुए जमकर नारेबाजी की। शिवराज ने कहा चुनाव में कांग्रेस ने दस दिन में 2 लाख तक का कर्ज माफ़ करने का वचन दिया था, लेकिन कर्जमाफ नहीं हुआ। किसान परेशान है, खाद बीज नहीं मिल रहा है, सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं है इसलिए हमने सदन से वाकआउट किया है। शिवराज ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कर्ज माफ करो नहीं तो सदन नही चलने देंगे। बीजेपी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरेगी।
चर्चा से बच रही सरकार
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया कि किसान कर्ज माफी को लेकर सरकार हमेशआ बचती आई है। प्रदेश में बारिश विलंब से हुई है ऐसे में किसानों को जो सहायता मिलना चाहिए वो नहीं मिल रही है, मुझे लगता है इस बार किसान बोवनी भी नहीं कर पायेगा, ये सरकार की सबसे बड़ी असफलता है।
सदन में गूंजा आयुष्मान योजना का मुद्दा
विधान सभा के सत्र में आयुष्मान योजना को लेकर भी बहस हुई। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने सदन में सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए गंभीरता से लागू नहीं किया। इसलिए जनता को इसका फायदा नहीं मिल रहा है। केवल केंद्र सरकार पर आरोप लगाने से कुछ नहीं होगा। वहीं विधायक कुंवर सिंह कोठार ने प्रश्नकाल में सरकार से आयुष्मान योजना के संबंध में सवाल किए। कोठार ने पूछा कि आयुष्मान योजना में अब तक कितने मरीजों का इलाज हुआ है। कोठार ने आरोप लगाया कि निजी अस्पताल आयुष्मान योजना को लेकर मनमानी कर रहे हैं। उनपर क्या कार्रवाई हुई है। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने सदन में जवाब देते हुए सदन को बताया कि सराकर आने के बाद अब तक 1 लाख 2 हजार 747 लोगों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज हुआ है। जिन अस्पतालों ने मरीजों का इलाज नहीं हुआ उनकी शिकायत आने पर कार्रवाई होगी।