लोकसभा चुनाव: गाइडलाइन के बाद भी BJP नेताओं में लगी बेटे-बेटियों को टिकट दिलाने की होड़

3/10/2019 4:03:14 PM

भोपाल: विधानसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी ने गाइडलाइन बना दी थी कि वंशवाद अब नहीं चलेगा। जिस किसी भी लीडर को अपने बेटे-बेटी को टिकट दिलाना है, वे लिखकर दे दें कि खुद के लिए टिकट नहीं मांगेगे। इस आधार पर डॉ. गौरीशंकर शेजवार, हर्ष सिंह, सासंद लक्ष्मीनारायण यादव सहित कुछ नेताओं के परिजनों को टिकट दिया गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर नेताओं ने परिजनों को टिकट दिलाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

 



इनके नाम चर्चा में
मौसम बिसेन - गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी मौसम को बालाघाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़वाना चाहते हैं। विधानसभा चुनाव में वे खुद और बेटी के लिए दो टिकट मांग रहे थे, लेकिन सांसद बोधसिंह भगत के विरोध और पार्टी लाइन के कारण सफल नहीं हो पाए। अब बिसेन समर्थक मौसम के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
 


 

अभिषेक भार्गव - गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक युवा मोर्चा में वे उपाध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी अभिषेक ने दमोह से टिकट मांगा था। 2014 में अरविंद मेनन अभिषेक के टिकट पर सहमत थे पर हाईकमान ने यहां से प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाने का फैसला कर दिया।

 


लक्ष्मीनारायण यादव- सागर के सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के पुत्र सुधीर यादव को भी सुरखी से टिकट इसी शर्त के साथ दिया गया था कि वे खुद के लिए सागर से टिकट की दावेदारी नहीं करेंगे। पार्टी सागर से प्रत्याशी बदलना चाहती है, लेकिन अब यादव फिर एक बार टिकट की दौड़ में सक्रिय हो गए हैं।
 


नंदिता पाठक- चित्रकूट में पंडित दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष भरत पाठक की पत्नी नंदिता पाठक भी खजुराहो से टिकट की दौड़ में हैं। 2018 में हुए चित्रकूट उपचुनाव में भी नंदिता की दावेदारी उभरी थी।
 



इस सीट के सांसद नाग्रेंद्र सिंह को पार्टी ने विधानसभा चुनाव में उतारा था और वे जीत भी गए हैं।

 

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