मंडला कलेक्टर की बढ़ी मुश्किलें छपाक पर सोशल मीडिया में डाला था पोस्ट, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

2/7/2020 6:10:36 PM

मंडला: मध्य प्रदेश के मंडला जिले के कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। छपाक फिल्म और सीएए के जरिए सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं जाहिर कर गए कटारिया की रिपोर्ट अब केंद्र ने तलब की है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने राज्य सरकार से मंडला कलेक्टर की टिप्पणी के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। सामान्य प्रशासन विभाग कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया से जवाब लेकर केंद्र को रिपोर्ट भेजेगा।

केंद्र ने फिल्म छपाक और सीएए को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने पर मंडला कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया से सफाई मांगी है। जटिया ने छपाक फिल्म की रिलीज के दौरान हो रहे विरोध के बीच अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था "तुम चाहे जितनी घृणा करो...हम देखेंगे छपाक। इस पोस्ट पर कई कमेंट आए थे। इन्हीं में से एक प्रियांश राकेश साहू नामक फेसबुक यूजर ने कलेक्टर से पूछा था कि आप इनका विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं। कलेक्टर ने पूछा किसका विरोध करें ? प्रियांश राकेश साहू ने लिखा जेएनयू के लोग सीएए/एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। कुछ अभिनेता भी उनका समर्थन कर रहे हैं।

एवीबीपी के लोग भी घायल हुए हैं उनका कोई समर्थन नहीं कर रहा है। इसका कलेक्टर ने ये जवाब दिया था कि "मुझे अपने विवेक का इस्तेमाल करना आता है। मैं खुद भी सीएए/एनआरसी का सपोर्ट नहीं करता। मारपीट भी टीवी पर देखी ही है।" बस उनका इतना लिखना था कि विवाद खड़ा हो गया। वहीं बात बढ़ती देख उन्होंने अपनी पोस्ट हटा ली थी और कुछ देर बाद अपने फेसबुक अकाउंट को बंद कर दिया था। मंडला कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया की टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला था। कहा था अधिकारियों को इस तरह की टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सरकार को और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी।

राज्य सरकार ने अब तक कार्रवाई नहीं की। अब कार्मिक मंत्रालय ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में जवाब मांगा है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है पत्र मिलने के बाद अब जवाब देने की प्रक्रिया चल रही है। कलेक्टर से उनका पक्ष लेकर जल्द ही रिपोर्ट कार्मिक मंत्रालय को भेजी जाएगी। मंडला कलेक्टर की पोस्ट पर हुए विवाद के फौरन ही बाद भोपाल में हुई आईएएस सर्विस मीट में भी इसका ज़िक्र हुआ था। अधिकारियों को मशविरा दिया गया था कि सोशल मीडिया पर सोच-मझकर ही लिखें या कुछ भी पोस्ट करें।

 

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh