ना‘पाक’ को करारा जवाब, भारतीय शेरों ने लिया पुलवामा हमले का पहला बदला

2/18/2019 7:34:39 PM

भोपाल: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुआ फिदायीन हमला 30 साल के खूनी इतिहास की ये सबसे बड़ी घटना है। 14 फरवरी का दिन 200 किलो RDX और CRPF के 42 जवान, कुछ सेकेंडों में ही 100 वें हिस्से में जिंदगी चिथड़ों में बिखर गई। कोई दो दिन पहले घर से आया था, तो कोई जाने की प्लानिंग कर रहा हैं, किसी को पिता बने एक महीना भी नहीं हुआ था, तो किसी की बीवी के हाथों की मेहंदी भी अभी उतरी नहीं थी। घटनास्थल पर मंजर इतना खौफनाक था, जिसे देखते ही बड़े से बड़े दिल वाले का दिल भी पसीज जाए। किसी जवान का सिर साथ नहीं था, तो किसी का धड़ ही नहीं था, शायद इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर सुरक्षाबलों के जवान शहीद हुए हैं, हमले के बाद जांबाजों को खोने के गम में देश गमगीन हैं। खून के आंसू रो रहा है। आक्रोश की आग में जगह-जगह पाकिस्तान जल रहा है, जूते खा रहा है।
 


हमले को 4 दिन हो गए हैं, और सेना ने भी अपने शहीदों की शहादत का बदला लेना शुरू कर दिया है। कश्मीर में लगातार सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। जिसमें एक मेजर समेत सेना के चार सैनिक शहीद हुए। खबरें तो ये भी आ रही हैं कि पुलवामा शहीदों की शहादत का बदला लेते हुए सेना ने इस हमले के मास्टरमाइंड कामरान उर्फ गाजी और बिलाल अहमद नाइक को मौत के घाट उतार दिया है। लेकिन देश की जनता के लिए ये सब नाकाफी है। बदले की मांग को लेकर अभी भी ये आक्रोश शांत नहीं हुआ है और शायद तब तक नहीं होगा। जब तक की उन देश के दुश्मनों को मौत के घाट नहीं उतारा जाता जो नापाक पाकिस्तान की गोद में बैठकर भारत के खिलाफ साजिशें कर रहे हैं।

मांगे मनवाने के लिए हर जगह लोग अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहे हैं। मध्यप्रदेश के दमोह में हमले का विरोध करते हुए दर्जन भर से ज्यादा युवाओं ने मुण्डन कराकर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि दी। महाराणा प्रताप चौक पर OBC, SC, ST के आरक्षण की मांग करने वाले युवा एडवोकेट वैभव सिंह और उनके सभी साथियों ने आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के लिए अपने सिर मुंड़वाकर मुण्डन संस्कार कराया।


विरोध कर रहे लोगों ने इस हमले का पूरा जिम्मेदार केंद्र सरकार ठहराया है। उनका कहना है कि सेना की सुरक्षा में जो काम होते हैं वो विधिवत रूप से नहीं हुए। इस हमले को लेकर प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी का जमकर घेराव किया और इसे पूरी तरह सरकार की नाकामी बताया। यहीं नहीं प्रदर्शनकारियों ने सरकार को तल्ख लहज़े में नसीहत भी दे डाली। इसी के साथ प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी भी दी है, कि अगर आगे ऐसी तरह की कोई घटना घटी तो अंजाम ठीक नहीं होगा। 

 

अपने साथियों की और देश के वीर जवानों शहादत का बदला लेने भारत के शेर एक बार फिर पुलवामा जुट गए हैं। बदला लेते हुए दो नापाकियों को भी मौत के घाट उतार दिया गया है। लेकिन देश की जनता का ये आक्रोश तब तक नहीं थमेगा। जब तो वो सारे आतंकी मौत के घाट नहीं उतर जाते। 

Vikas kumar

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