MCRP ने प्रोफेसरों का विरोध करने पर निष्कासित किए 23 छात्र, मामा बोले- मैं बच्चों के साथ हूं

12/18/2019 2:14:41 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के 23 छात्रों को निष्कासित कर दिया गया। छात्रों पर प्रदर्शन के दौरान अनुशासनहीनता और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। यूनिवर्सिटी के दो सहायक प्रफेसर द्वारा कथित जातिवादी ट्वीट के बाद छात्रों ने प्रदर्शन किया था।



बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी की अनुशासनात्मक कमेटी ने छात्रों के निष्कासन की सिफारिश की जिसके बाद रजिस्ट्रार दीपेंद्र बघेल ने मंगलवार को ऑर्डर जारी किया। इस आदेश के ये छात्र यूनिवर्सिटी की कक्षा या एग्जाम में शामिल नहीं हो सकते।



इस मामले की शुरुआत दो फैकल्टी सदस्यों द्वारा सोशल मीडिया पर कथित तौर पर जातिवादी टिप्पणी करने से हुई थी। जिसके विरोध में गुरुवार को छात्रों के एक समूह ने वाइस चांसलर के केबिन के सामने धरना दिया था और इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कैंपस में शीशा भी तोड़ दिया था। हालांकि वीसी उस समय भोपाल में थे।
भोपाल से वापस आने के बाद वीसी ने पुलिस को बुलाया जिसके बाद पुलिस और छात्रों में बवाल हो गया। इस दौरान दोनों पक्षों को चोटें भी आईं। 10 छात्रों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई। बाद में इनमें 13 नाम और जोड़े दिए गए।



रजिस्टार के अनुसार, अनुशासनात्मक समिति ने छात्रों के खिलाफ यह कार्रवाई सीसीटीवी फुटेज के आधार पर की ताकि भविष्य में भविष्य में इस तरह की दोबारा कोई हरकत न हो। वहीं छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसरों पर कार्रवाई करने की बजाय हमें निष्कासित कर दिया गया जो कानूनन गलत हैं। ये प्रफेसर स्टूडेंट्स को जाति आधार पर बांटते हैं और जातिवादी टिप्पणी करते हैं लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया।
निष्कासित किए गए छात्रों के नाम सौरभ कुमार, प्रखरादित्य द्विवेदी, राघवेंद्र सिंह, आशुतोष भार्गव, अभिलाष ठाकुर, अर्पित शर्मा, रवि भूषण सिंह, अंकित शर्मा, अर्पित दुबे, सुरेंद्र चौधरी, विवेक उपाध्याय, शुभम द्विवेदी, अंकित कुमार चौबे, आकाश शुक्ला, अनूप शर्मा, प्रतीक वाजपेयी, विपिन तिवारी, राहुल कुमार, रवि शर्मा, मोनिका दुबे, नीतीश सिंह और विधि सिंह है।


शिवराज सिंह ने ट्वीट कर  किया आदेश का विरोध
पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के छात्रों का निष्कासन और उनपर हुई FIR को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि बच्चों का निष्कासन तुरंत रद्द कर उन पर लादे गए झूठे मुकदमे वापस किए जाएं और उनकी जायज बातों को सुना जाए। अगर बच्चों की बात न सुनी गई तो हम सब मिलकर उनके साथ उनकी लड़ाई लड़ेंगे।

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