शराब कारोबार से जुड़े लोगों का नहीं किया जाए चिकित्सा परीक्षण: वाणिज्यिक कर विभाग

5/9/2020 8:32:24 PM

सतना: मध्य प्रदेश में लॉकडाउन में शराब कारोबार को अनुमति देने के बाद उठे विवाद का अभी पटाक्षेप नहीं हो पाया कि वाणिज्यिक कर विभाग ने एक और विवादित निर्णय दे दिया है। कहा गया है कि शराब ठेकेदार और उसके कर्मचारियों का चिकित्सा परीक्षण नहीं किया जाए। इनके लिए सभी औपचारिकताएं प्राथमिकता पर पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

वाणिज्यिक कर विभाग के उप सचिव ने गत दिवस कलेक्टरों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि शराब ठेकेदारों और उनके कर्मचारियों को आवागमन के दौरान चिकित्सा परीक्षण और चिकित्सा प्रमाण-पत्र आदि औपचारिकताओं से यथासंभव मुक्त रखा जाए। यदि औपचारिकताओं की पूर्ति की जाना आवश्यक हो तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। यह आदेश जारी होते ही विवादों में घिर गया है। सवाल यह खड़े हो गए कि क्या आबकारी महकमे के ठेकेदार या उनके कर्मचारी संक्रमण मुक्त हैं जो उनकी चिकित्सकीय जांच नहीं करने के निर्देश शासन स्तर से जारी कर दिये गए हैं। अगर इनके माध्यम से कभी संक्रमण फैलता है तो उसकी जिम्मेदारी फिर क्या आबकारी विभाग लेगा।

वहीं इस आदेश के संदर्भ में चिकित्सकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण व्यक्ति और विभाग देख कर नहीं होता है। डॉ योगेश शुक्ला कहते हैं कि जो लोग लगातार परिवहन कार्य करते हैं उनके ज्यादा लोगों से संपर्क में आने की संभावना होती है। ऐसे में शराब परिवहन से जुड़े लोगों की कोरोना स्क्रीनिंग से मना करना उचित नहीं है। वहीं युकां लोस अध्यक्ष राजदीप सिंह ने कहा यह उचित रवैया नहीं है। कायदे से चिकित्सकीय प्रक्रिया में प्राथमिकता तो उन लोगों की होनी चाहिए जो मजदूर या आम जन है। उसके बाद इन्हें औपचारिकताओं में शामिल करना चाहिए।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh