छत्तीसगढ़ में मंकी पॉक्स की एंट्री! नाबालिग में वायरस के लक्षण, एक्सपर्ट बोले- सावधानी बरतने की जरूरत

7/27/2022 5:17:25 PM

रायपुर(सत्येंद्र शर्मा): छत्तीसगढ़ में मंकी पॉक्स के संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप मच गया। इसके बाद महामारी नियंत्रण डॉक्टर सुभाष मिश्रा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि रायपुर के नाबालिग में मंकी पॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। उसका सैंपल जांच के लिए पुणे वायोलॉजी लैब भेजा गया है, केस की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। लेकिन लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। अब मास्क लगाने के साथ अन्य गाइड लाइंस का पालन करना भी जरूरी है।

बता दें कि मंगलवार को प्रदेश के रायपुर में 13 वर्षीय बच्चे में मंकी पॉक्स के लक्षण मिले हैं। उसे आइसोलेट किया गया है। इसके साथ ही उसके संपर्क में आने वाले अन्य बच्चों को भी आइसोलेट किया गया है।

मंकीपॉक्स के लक्ष्ण और सिम्टम्स
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है। यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था। मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था। संक्रमण का प्रसार संक्रमित व्यक्ति या जानवर के निकट संपर्क के माध्यम से या वायरस से दूषित सामग्री के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। ऐसा माना जाता है कि यह चूहों, चूहियों और गिलहरियों जैसे जानवरों से फैलता है। यह रोग घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और दूषित सामग्री जैसे बिस्तर के माध्यम से फैलता है। वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है और कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है। इनमें से कुछ संक्रमण यौन संपर्क के माध्यम से संचरित हो सकते हैं। डब्ल्यू.एच.ओ. के मुताबिक होमोसैक्शुयल और बायोसैक्शुयल लोगों में अभी तक इसके मामले ज्यादा है।  

इन पर ध्यान देने की जरूरत
तेज बुखार आ सकता है। सिर में तेज दर्द होना। आपको शरीर के किसी भी हिस्से में सूजन आ सकती है। त्वचा पर लाल चकत्ते या फफोले पड़ते हुए दिखाई देना। शरीर में लगातार एनर्जी की कमी होना भी इस बीमारी का लक्षण हैं। मंकी पॉक्स सबसे ज्यादा प्राइवेट पार्ट पर प्रभाव डालता है।

meena

This news is Content Writer meena