कांग्रेस में उठे बगावत के सुर! भोपाल के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोनू सक्सेना ने खोला मोर्चा
Monday, Aug 18, 2025-02:46 PM (IST)

भोपाल (इजहार हसन) : कांग्रेस ज़िलाध्यक्षों की सूची जारी होने के बाद पार्टी में बगावत के सुर भी तेज हो गए हैं। पूर्व ज़िला अध्यक्ष और पूर्व पार्षद मोनू सक्सेना ने नवनियुक्त भोपाल ज़िलाध्यक्ष प्रवीण सक्सेना और उनके बड़े भाई संजीव सक्सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मोनू सक्सेना ने प्रदेश के कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथों लिया और जमकर निशाना साधा। मोनू सक्सेना ने मिंटो हाल के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने अपने समर्थकों सहित प्रदर्शन शुरु कर दिया है। उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से इंसाफ़ की गुहार लगाई है।
मीडिया से बात करते हुए मोनू सक्सेना ने कहा कि भोपाल संगठन सृजन अभियान में शहर के जो परिणाम सामने आए हैं, वो सेटिंग से आए हैं। राहुल गांधी ने गुजरात में और भोपाल में संगठन सर्जन अभियान की कैम्पेनिंग के दौरान बोला था कि भाजपा से रिश्ता रखने वाले, भाजपा के साथ धंधा करने वाले, उनके साथ उठने बैठने वालों को कांग्रेस और कांग्रेस के पदों पर जगह नहीं दी जाएगी। उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। प्रदेश के सबसे चर्चित घोटाले व्यापम के आरोपी संजीव सक्सेना जो कुछ सालों के लिए जेल भी गए, उन पर अभी भी व्यापम के दो केस चल रहे हैं, क्या कांग्रेस पार्टी ने उनको महामंत्री और उनके भाई को जिला अध्यक्ष बनाकर उनको ईमानदारी का ताम्र पत्र दिया है। राहुल गांधी से गुहार कर रहे हैं कि वे हमें न्याय दिलाए। हम राहुल गांधी जी की विचारधारा से जुड़े हैं मध्य प्रदेश के किसी नेता पर भरोसा नहीं है।
वर्तमान कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग के साथ संजीव सक्सेना के खुले रिश्ते हैं। संजीव सक्सेना ने 2023 विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ ब्लैकमेलिंग कर मुझे तीन महीने जिलाध्यक्ष बनने के बाद हटवाया। ब्लेकमैलिंग कर संजीव सक्सेना ने अपने भाई को जिलाध्यक्ष बनाया। संजीव सक्सेना ने तीन बार निर्दलीय और BSP से विधानसभा का चुनाव लड़ा। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को हरवाया। परिषद के चुनाव में मेरी धर्म पत्नी सहित 10 कांग्रेस के अन्य केंडीडेटो को हराने के लिए तीन तीन कैंडिडेट उतारे। संजीव सक्सेना को पार्टी से निष्कासित किया जाए।
उन्होंने दावा किया कि वे जल्द ही राहुल गांधी से मिलने जाने वाले हैं। हमारा प्रदर्शन चरणबद्ध रहेगा। अगले चरण में अपने कार्यकर्ताओं के साथ राहुल गांधी को खून से पत्र लिखूंगा। मेरे दिल्ली के सूत्र बता रहे हैं कि जिलाध्यक्ष बनने के लिए मध्य प्रदेश के किसी बड़े नेता को डिफेंडर गाड़ी दी गई है। मैं दस्तावेजों के साथ तीन दिन बाद फिर आऊंगा।