MP उपचुनाव: बागियों के पार्टी में शामिल होने से BJP के दिग्गज बेचैन, संगठन में हलचल

5/11/2020 4:04:29 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव में नए राजनीतिक समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी दामन थामने के बाद प्रदेश में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस के 22 बागी विधायकों की एंट्री के बाद पिछले चुनाव में बीजेपी से किस्मत आजमाने वाले नेताओं को अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता सता रही है। उपचुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने बीजेपी के पुराने नेताओं पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं तो बीजेपी ने उन्हें संगठन में तवज्जो देनी शुरू की है।

इस दौरान कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने और शिवराज सरकार बनने के बाद सभी का चुनाव लड़ना कन्फर्म है। ग्वालियर-चंबल संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोधी रहे बीजेपी नेता अब खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। जयभान सिंह पवैया से लेकर बृजमोहन सिंह किरार, मुदित शेजवार और राजेश सोनकर सहित तमाम नेता बीजेपी से 2018 में चुनावी किस्मत आजमाने वाले अपने भविष्य को लेकर पशोपेश में जरूर हैं। उन्होंने डेढ़ साल पहले जिस उम्मीदवार को मात देने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी, अब उसके लिए वोट मांगते नजर आएंगे।

कांग्रेस उपचुनाव के जरिए दोबारा से सत्ता में लौटने की उम्मीद लगाए हुए हैं। ऐसे में कांग्रेस उन भाजपा नेताओं पर दांव लगाना चाहती है जो 2018 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर सिंधिया समर्थक तत्कालीन कांग्रेस नेताओं से विधानसभा चुनाव हारे थे। ऐसे नेताओं को साधकर कांग्रेस 'कांटे से कांटा' निकालने की रणनीति तैयारी कर रही है। इसके लिए कांग्रेस ने अलग-अलग नेताओं को पिछले चुनाव में पराजित बीजेपी नेताओं को साधने की जिम्मेदारी पर लगा रखा है।

इस बीच कांग्रेस की नजर बीजेपी के जयभान सिंह पवैया पर है, जो 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रद्युम्न सिंह तोमर से हार गए थे। प्रद्युम्न सिंह बीजेपी से उपचुनाव में ताल ठोकेंगे तो जयभान सिंह को उनका समर्थन करना होगा। ऐसे में कांग्रेस जयभान को साधकर अपने साथ मिलना चाहती है ताकि ग्वालियर सीट पर कांटे की टक्कर दी जा सके। ऐसे ही गुना जिले की बमोरी सीट से बृजमोहन सिंह किरार भी कश्मकश में हैं, क्योंकि महेंद्र सिंह सिसौदिया अब बीजेपी का दामन थाम चुके हैं और उनका चुनाव लड़ना तय है।

वहीं सागर जिले की सुरखी सीट से जीतने वाले गोविंद राजपूत अब बीजेपी में हैं और उपचुनाव की तैयारी शरू कर दी है, जिससे बीजेपी के सुधीर यादव के सामने सियासी संकट गहरा गया है। ऐसे ही सांची सीट से प्रभुराम चौधरी बीजेपी से उपचुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। ऐसे में 2018 में बीजेपी से चुनाव लड़ने वाले मुदित शेजवार की चिंता बढ़ गई है, लेकिन फिलहाल वो शांत हैं।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी की देवास जिले की हाटपिपल्या सीट भी उनके हाथों से खिसक रही है। जोशी को उनके विरोधी मनोज चौधरी ने कांग्रेस के टिकट पर 2018 में चुनाव हराया था, लेकिन अब चौधरी विधानसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे दीपक जोशी पशोपेश में हैं।

सिंधिया के समर्थक तुलसी सिलावट को शिवराज सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद सांवेर के पूर्व विधायक और पिछला चुनाव सिलावट से हारने वाले राजेश सोनकर की नाराजगी सामने आई थी। पिछले दिनों उन्होंने अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता को लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से चर्चा भी की थी। ऐसे में रविवार को मध्य प्रदेश के जिला अध्यक्ष की लिस्ट जारी हुई तो राजेश सोनकर को इंदौर ग्रामीण का जिला अध्यक्ष बना कर संतुष्ट करने की कोशिश की गई है। माना जा रहा है कि ऐसे ही बीजेपी अपने दूसरे नेताओं को संगठन से लेकर बोर्ड में शामिल कर उन्हें एडजस्ट कर सकती है।

मध्य प्रदेश के दो विधायकों के निधन और कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुई विधानसभा की कुल 24 सीटों पर अब एक साथ उपचुनाव होंगे। प्रदेश की जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें जौरा, आगर (एससी), ग्वालियर, डबरा (एससी), बमोरी, सुरखी, सांची (एससी), सांवेर (एससी), सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह (एससी), मेहगांव, गोहद (एसी), ग्वालियर (पूर्व), भांडेर (एसी), करैरा (एसी), पोहरी, अशोक नगर (एसी), मुंगावली, अनूपपुर (एसटी), हाटपिपल्या, बदनावर, सुवासरा शामिल हैं।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh