MP सरकार ने पैदल मजदूरों के लिए किया बसों का इंतजाम, UP-राजस्थान सीमा तक छोड़ेगी MP सरकार

5/12/2020 1:14:36 PM

भोपाल: देशभर में कोरोना वायरस की महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया था। इसकी अवधि दो बार बढ़ाई जा चुकी है। रोजी-रोजगार पर आए संकट से परेशान प्रवासी मजदूर जब साधन नहीं मिला, तो पैदल ही घर के लिए निकल पड़े। अब सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चला दी, तब भी मजदूरों की पैदल घर वापसी का सिलसिला रुक नहीं रहा।

इसी दौरान मध्य प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र से पैदल ही अपने घर के लिए निकले मजदूरों को अपनी सीमा पार कराने के लिए बसों का इंतजाम करने की घोषणा की है। सरकार ने 375 बसों का इंतजाम किया है, जो इन श्रमिकों को महाराष्ट्र से लगती प्रदेश की सीमा से उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सीमा तक पहुंचाएंगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि आवश्यकता पड़ी तो बसों की संख्या और बढ़ाई जाएगी।

महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश और राजस्थान को जाने वाले हाईवे पर इन राज्यों के ऐसे हजारों प्रवासी श्रमिकों की भीड़ है, जो पैदल अपने-अपने राज्य वापस जा रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही महाराष्ट्र से पैदल यूपी जा रहे तीन मजदूरों की सेंधवा में मौत हो गई थी। इसे देखते हुए प्रदेश की शिवराज सरकार ने पैदल आ रहे मजदूरों को अपने राज्य की सीमा पार कराने का निर्णय लिया।

मध्य प्रदेश सरकार ने महाराष्ट्र की सीमा से यूपी और राजस्थान की ओर श्रमिकों को ले जाने वाली बसों का रूट भी बना लिया है। महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान के श्रमिक काम करते हैं। लॉकडाउन के लगातार आगे बढ़ने से सभी प्रवासी श्रमिक अपने-अपने राज्यों की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं। इनमे से यूपी और राजस्थान जाने वाले श्रमिक मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहे हैं. पिछले 5 दिनों में लाखों प्रवासी श्रमिक मध्य प्रदेश से होकर गए हैं।

हाईवे पर बड़ी संख्या में पैदल श्रमिकों के आने से दुर्घटना की आशंका हर समय बनी रहती है, जिसको देखते हुए ये फैसला किया गया है। गृह मंत्रालय ने भी लगातार हादसों को देखते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे कि मजदूरों को हाईवे और रेल पटरियों पर चलने से रोका जाए। यूपी सरकार ने पैदल आ रहे मजदूरों को प्रदेश आने से रोकने के आदेश दिए हैं।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh