वाकई अजब है MP.. अब कुत्तों की नसबंदी करवाएगी सरकार, जानिए पूरी प्लानिंग

1/4/2021 4:22:38 PM

खंडवा (निशात सिद्दीकी): सरकार बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रण करने के उपायों कर रही है। अब तो जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग भी उठने लगी हैं। लेकिन आप यह सुनकर हैरान हो जाएंगे। हम जिस बढ़ती जनसंख्या की बात कर रहे। वह इंसानों की नहीं बल्कि आवारा कुत्तों की बढ़ती जनसंख्या हैं। जिसे लेकर अब सरकार चिंतित हैं और इन की बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कुत्तों की नसबंदी की योजना बना ली। मध्यप्रदेश के खंडवा में भी अब कुत्तों की नसबंदी के लिए जल्द ही अस्पताल बनाया जाएगा।

आप ने अपनी गली मोहल्लों या अन्य जगहों पर आवारा कुत्तों को घूमते हुए देखा होगा। ठंड के मौसम में इनकी तादाद भी बढ़ जाती है। दरअसल ठंड का सीजन इनके प्रजनन क्रिया करने का बेहतर समय होता है। प्रजनन के बाद जब डॉग के पपी यानि पिल्लों का जन्म होता है, तो वह अधिक संख्या में जन्म लेते हैं। जिस के चलते इन आवारा कुत्तों की तादाद में बढ़ोतरी हो जाती है। लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई एनिमल बर्थ कंट्रोल ‘एबीसी’ योजना से इनकी बढ़ती हुई तादाद पर नियंत्रण लगाया जाएगा। इसके लिए खंडवा में भी आवारा कुत्तों की जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल तैयार किया जा रहा है।



खंडवा नगर निगम इस अस्पताल का निर्माण टीचिंग ग्राउंड में करने वाला है। यहां शहर में घूमने वाले आवारा कुत्तों की नसबंदी की जाएगी। इसके लिए नगर निगम ने प्रतिदिन 20 कुत्तों की नसबंदी का लक्ष्य रखा है। नसबंदी करने के बाद इन कुत्तों को 5 दिन इसी स्थान पर निगरानी में रखा जाएगा। इस दौरान इनके खाने पीने की व्यवस्था भी जन सहयोग से की जाएगी। इस अस्पताल में एनिमल बर्थ कंट्रोल एबीसी योजना के तहत आवारा घूमने वाले जानवरों की जनसंख्या को नियंत्रित किया जाएगा। खासकर कुत्तों की। इस अस्पताल को जनवरी में ही शुरू करने की योजना है।  जिसके लिए नगर निगम ने भिंड़ जिले की एक एजेंसी को इसका ठेका भी दे दिया हैं। एजेंसी की टीम के लोग शहर में घूमने वाले आवारा कुत्तों को पकड़ेगी। उन्हें इस अस्पताल में रखा जाएगा। यहां पशु पालन विभाग के डॉक्टरों की मदद से इनकी नसबंदी की जाएगी। नसबंदी के बाद कुत्तों को एंटी रेबीज इंजेक्शन भी लगाया जाएगा। इन्हें 5 दिन तक देखभाल के लिए इसी स्थान पर रख जाएगा। इन कुत्तों के लिए डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली गाड़ी में एक बॉक्स भी लगाया जाएगा। जिसमें हर घर से एक एक रोटी कुत्तों के लिए देने की अपील आम जनता से की जाएगी। 

अमूमन हर शहर में आवारा कुत्ते एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। कुत्तों के काटने से गंभीर बीमारी तो होती ही है, इनकी बढ़ती जनसंख्या से सड़क हादसे भी होते हैं । खंडवा के जिला अस्पताल में हर दिन 5-6 लोग कुत्तों के काटने का इलाज करवाने आते हैं। साल में लगभग दो हजार लोगों को कुत्ते के काटने की वजह से एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जाते हैं  जिस पर सरकार का बड़ा बजट खत्म होता है । डॉक्टरों का भी मानना है कि  कुत्तों की जनसंख्या को नियंत्रित करने की  सख्त आवश्यकता है।

Vikas Tiwari

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