नैक का एकाधिकार होगा खत्म, अब एजेंसी से करवा सकेंगे निरीक्षण

8/24/2018 3:05:01 PM

इंदौर : मान्यता के लिए अब शैक्षिणक संस्थानों को नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यूजीसी ने नैक का एकाधिकार खत्म करने की तैयारी कर ली है। इसके लिए कई एक्रिडिटेशन एजेंसियों को अस्तित्व में लाया जा रहा है, जो शासकीय और अर्द्ध शासकीय स्तर की एजेंसी होगी। यूजीसी ने असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन एजेंसी (एएए) के लिए नियम बनाए हैं। एजेंसी को मान्यता देने का काम असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (एएसी) का रहेगा।वर्तमान में देशभर के 800 विश्वविद्यालय और 40 हजार कॉलेजों को एक्रिडिटेशन देने का काम सिर्फ नैक को दे रखा है। उसका बोझ कम करने और उच्च शिक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए यूजीसी ने कई निजी एजेंसियों को एक्रिडिटेशन की जिम्मेदारी सौंपना तय किया है। यूजीसी ने एजेंसी की मान्यता और मापदंड निर्धारित करने के लिए एएसी को जिम्मेदारी है, जिसमें दस सदस्यों को नियुक्त किया जाएगा।
ये सदस्य उच्च शिक्षा विभाग, विश्वविद्यालय और यूजीसी के अधिकारी व वरिष्ठ प्रोफेसर होंगे। एजेंसी को मान्यता लेने से पहले कंपनी एक्ट में पंजीयन करवाना होगा। इसके आधार पर एएसी अपनी सिफारिश के साथ एजेंसी का आवेदन यूजीसी को भेजेगी। आखिर में आवेदन की स्क्रूटनी कर एजेंसी को मान्यता दी जाएगी। फिर यूजीसी और एएसी मिलकर एजेंसी के लिए एक्रिडिटेशन संबंधित मापदंड निर्धारित करेंगे। उसके जरिये वे शैक्षिणक संस्थानों को ग्रेड देने का काम कर सकेंगी।

 

 

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