देश को 'बदनाम' करने की साजिश कर रहे हैं हामिद अंसारी: गृह मंत्री

1/28/2022 1:44:19 PM

भोपाल (प्रतुल पाराशर): पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जैसे-जैसे यूपी का चुनाव पास आ रहा है। टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थक बेनकाब होते जा रहे हैं। हामिद अंसारी आपको इस देश ने दो-दो बार उपराष्ट्रपति बनाया है। ऑनलाइन वैश्विक मंच पर आपने राष्ट्र विरोधी बात की है। आपने अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दिया है। चाहे कमलनाथ हो, दिग्विजय सिंह हो या फिर सलमान खुर्शीद हो। सभी ने राष्ट्र को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।
 

गृह मंत्री के आदेश पर श्वेता पर FIR 

अदाकारा श्वेता तिवारी पर एफआईआर के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि श्वेता तिवारी पर 295 A के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।  उन्होंने पार्षदों के अधिकार मांगने पर गृह मंत्री ने कहा कि अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है अगर आयेगा तो विचार किया जाएगा। आरक्षण समूह की बैठक अब 2 फरवरी को होगी। महाकाल मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य पर गृह मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि 12 ज्योतिर्लिंग में एक महाकाल ज्योतिर्लिंग है, जो वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है, जिसके जीर्णोउद्धार का कार्य शुरू हो गया है। 

MP में कम हो रहे हैं कोरोना के नये केस: नरोत्तम मिश्रा 

मध्य प्रदेश में कोरोना के नये मामलों पर गृह मंत्री ने कहा कि कोरोना थमता जा रहा है। यह आपके माध्यम से मैं प्रदेश में भेजना चाहूंगा। कि पिछले 24 घंटे में 7763 नए प्रकरण आए है। ठीक होकर 10016 लोग घर को गए हैं। एक्टिव केस 67945 है, 7763 नये आए हैं जो घट रहे हैं। कोरोना थमता नजर आ रहा है। वैक्सीन कारगर साबित हो रही है। संक्रमण दर 10.89 है जबकि रिकवरी दर 90.08 है, साथ ही 71268 सैंपल लिए गए हैं। पुलिस के 24 में से 18 जवान कोरोना संक्रमित हुए हैं। जबकि 1418 जवान कुल संक्रमित है। 

हम अपनी ओर नहीं करेंगे तय कोई पैमाना: गृह मंत्री 

अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है। सर्वोच्च अदालत ने कहा, इस पर केंद्र सरकार फैसला करें। हम अपनी तरह से कोई पैमाना तय नहीं करेंगे। कोई भी फैसला करने से पहले उच्च पदों पर नियुक्ति का आंकड़ा जुटाना जरूरी है, यानी वस्तुस्थिति बरकरार रहेगी।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 6 बिंदू तय किए हैं। अब अलग-अलग मुद्दों पर इन बिंदुओं के आधार पर देखा जाएगा कि केंद्र या राज्य सरकार ने क्या किया है। ऐसे मामलों की सुनवाई अब 24 फरवरी से होगी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 26 अक्टूबर 2021 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) बलबीर सिंह के साथ ही मध्य प्रदेश, झारखंड समेत विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ वकीलों ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि यह सच है कि देश की आजादी के 75 साल बाद भी अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय के लोगों को अगड़ी जातियों के स्तर पर नहीं लाया जा सका है। वेणुगोपाल ने तर्क दिया था कि एससी और एसटी समुदायों के लोगों के लिए ग्रुप 'ए' श्रेणी की नौकरियों में उच्च पद प्राप्त करना अधिक कठिन है। अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के रिक्त पदों को भरने के लिए कुछ ठोस आधार दें।  SC-ST को पदोन्नति में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है। मौजूदा स्थिति बनी रहेगी सर्वोच्च अदालत ने कहा, इस पर केंद्र सरकार फैसला करें, हम अपनी तरह से कोई पैमाना तय नहीं करेंगे। 

 


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News Editor

Devendra Singh

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