बेशर्म रंग: नरोत्तम की मुखरता तो ''रंग'' को लेकर थी, उसे कपड़ों के साथ किसने जोड़ दिया ?

12/17/2022 7:16:53 PM

एमपी डेस्क: इन दिनों मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा खासे चर्चाओं में है, और हो भी क्यों नहीं, गृह मंत्री के ओहदे पर रहकर शाहरुख खान जैसे एक्टर की फिल्म को लेकर ऐसी मुखरता इससे पहले शायद ही कोई दिखा पाया हो, गौर हो, कि इससे पहले फिल्मी दुनिया के खिलाफ इस तरह का रुख सिर्फ बाला साहेब ठाकरे ही दिखा पाए हैं, लेकिन तब से लेकर अब तक समय बहुत बदल चुका है, ऐसे में किसी भी तरह के नतीजों को न देखते हुए जब नरोत्तम ने दीपिका की भगवा बिकनी पर आपत्ति दर्ज कराई, तो उसे लेकर बहस छिड़नी स्वाभाविक ही थी।

मध्यप्रदेश के गृहमंत्री के रुख को सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय समाचारों में प्रमुख स्थान मिला, शायद ही कोई यकीन करे, लेकिन महज दो दिन के इस घटनाक्रम ने नरोत्तम को हिंदुत्व के प्रमुख झंडाबरदारों की पांत में ले जाकर खड़ा कर दिया,  नरोत्तम का ये नजरिया धीरे धीरे एक बड़े वर्ग की आवाज बन ही रहा था, कि अचानक विपक्षी खेमे ने अपनी तरफ से एक पत्ता फेंक दिया, और देश की सबसे मजबूत संस्थाओं में से एक बॉलीवुड ने एकसुर होकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को अपने टारगेट पर ले लिया।

इस दौरान सबसे पहले जहां प्रकाश राज ने नरोत्तम को कलर ब्लांइड कहकर अपनी नाराजगी जाहिर की, तो इसके अगले दिन स्वरा भास्कर सामने आईं, और ये नसीहत दे गईं, कि नेता महिलाओं के कपड़ों में न उलझें। बस फिर क्या था, जो आवाज भगवा रंग के अपमान के खिलाफ उठ रही थी, उसे सिर्फ दीपिका के कपड़ों पर छीटाकशी के साथ जोड़कर पेश किया जाने लगा। हालांकि यहां पर सवाल ये भी उठता है, कि अगर संबंधित वर्ग को दीपिका के कपड़ों पर टिप्पणी से आपत्ति है, तो दीपिका को उस तरह के कपड़े पहनाने की जरूरत क्या थी?

हालांकि नरोत्तम मिश्रा फिलहाल स्वरा भास्कर और प्रकाश राज के सवालों के जवाब देने में रुचि नहीं दिखा रहे, शायद संवैधानिक पद को लेकर तमाम मर्यादाएं उन्हें रोके हुए हैं और ये स्वाभाविक भी है। हालांकि दक्षिणपंथी खेमे से जुड़ा एक बड़ा वर्ग अभी भी इस मामले को लेकर मुखर बना हुआ है, और उनका कहना है, कि नरोत्तम ने तो अपना काम कर दिया, और अब पठान फिल्म के विरोध की जिम्मेदारी संबंधित वर्ग ही उठाएगा।

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This news is Content Writer meena